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राष्ट्र निर्माण में शिक्षा और सुशासन की भूमिका पर विद्वानों ने रखे विचार

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रायपुर। कान्यकुब्ज सभा एवं शिक्षा मंडल के तत्वावधान में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती के पावन अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी एवं व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय राष्ट्र निर्माण में शिक्षा और सुशासन रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा सुशील त्रिवेदी और विशिष्ट अतिथि अवधेश त्रिवेदी, पत्रकार गौरव अवस्थी, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं दोनों विभूतियों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात अध्यक्ष सुरेश मिश्र ने समाज की ओर से आयोजित इस कार्यकम की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि महापुरुषों के योगदानों का सतत स्मरण और उनके कृत्यों की चर्चा करने से हम सब सेवा और राष्टभक्ति की भावना से प्रेरित होते है आज जरूरत इस बात की है कि युवा पीढ़ी को हम इससे लगातार अवगत करावे ।
मुख्य अतिथि डाक्टर सुशील त्रिवेदी ने अपने शासकीय सेवा काल में अटल जी के साथ के कुछ समय की यादों को साझा किया और मालवीय जी के शिक्षा के प्रति किए गए अमूल्य योगदान की चर्चा की रेलवे के वाणिज्य विभाग के अधिकारी अवधेश त्रिवेदी ने युवाओं को ज़्यादा से ज़्यादा सामाजिक आंदोलनों में और सुधारो के लिए काम करने और रचनात्मक प्रयोग करने की बात कही पत्रकार गौरव अवस्थी जी ने उत्तर प्रदेश में बाजपेयी जी के साथ के अनुभवों और उनके राजनीतिक यात्रा की बातें बताई पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे जी ने अपने संबोधन में कहा कि महामना मालवीय जी ने जहाँ शिक्षा के माध्यम से भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित किया, वहीं अटल जी ने अपने सुशासन के जरिए आधुनिक भारत की नींव मजबूत की। मालवीय जी का मर्यादा और अटल जी का मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रति अनुराग, दोनों ही भारतीय मूल्यों के रक्षक रहे हैं। उनके विचार आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष संजय अवस्थी और सदस्य सतीश मिश्र ने आमंत्रित अतिथियों का परिचय दिया संजय अवस्थी ने उपस्थित जनो को सुशील त्रिवेदी जी और वीरेंद्र पांडे जी के समाज सेवा और शैक्षिक योगदानों की खास बातें बताई जबकि सतीश मिश्र ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली और लखनऊ से आये पत्रकार गौरव अवस्थी विनोद शुक्ल जी के बारे में बताया । समाज की ओर से उपाध्यक्ष नीता अवस्थी सह सचिव प्रमोद मिश्र, कार्यकारिणी सदस्य गिरजा शंकर दीक्षित श्रीकांत अवस्थी संयोजक प्रकाश अवस्थी गौरव शुक्ल सत्यदेव तिवारी,प्रभात पांडे शारदा बाजपेयी ने अतिथियों को शाल और साहित्यकार पं विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य संग्रह देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम का संचालन लेखक पत्रकार अजय अवस्थी तथा आशुतोष द्विवेदी ने किया । उपस्थित जनसमूह ने सुशासन के आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
सचिव राजेश दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन दोनों महापुरुषों का जीवन राष्ट्र प्रथम की भावना का साक्षात उदाहरण है।उन्होंने ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित और समाज के गौरव साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए समाज के सभी उपस्थित सदस्यों के साथ मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, सचिव राज कुमार दीक्षित, उपाध्यक्ष नीता अवस्थी, उपाध्यक्ष संजय अवस्थी, सहसचिव प्रमोद मिश्रा, गिरजा शंकर दीक्षित, जय शंकर तिवारी, श्रीकांत अवस्थी, शशिकांत मिश्रा, आर. के. दीक्षित, राघवेंद्र मिश्रा, चंद्रिकाशंकर बाजपेई, श्याम बाजपेई, एस. एस. त्रिवेदी, गोपाल मिश्रा, श्रीमती राधा तिवारी, श्रीमती अनीता शुक्ला, श्रीमती शीतल मिश्रा, श्रीमती रंजना त्रिवेदी, श्रीमती सरिता त्रिवेदी, श्रीमती उन्नति शुक्ला, राज कुमारी, सुमन शर्मा बाजपेई, श्रीमती ममता त्रिवेदी, प्रकाश अवस्थी, अजय अवस्थी किरण, आशुतोष द्विवेदी, गौरव शुक्ला, आशीष बाजपेई, ब्रजेश मिश्रा, विकास शुक्ला, रामगोपाल शुक्ला, प्रमोद पाण्डेय, राघवेंद्र पाठक, प्रभात पाण्डेय, संगम तिवारी, मनोज कुमार तिवारी, हेमंत तिवारी, राकेश तिवारी, विजयकांत दीक्षित, निर्मल अवस्थी, नितिन कुमार झा, राजकृष्ण दुबे, राकेश उपाध्याय, राजेश त्रिवेदी, सत्यदेव तिवारी, राजू महराज, उमेश शर्मा, उपस्थित रहे।

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