बोड़ला डीएमएफ पुलिया निर्माण में घोटाला और भ्रष्टाचार का खुलासा

बोड़ला विकासखंड के खड़ोदाजंगल क्षेत्र में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) मद से बन रही पुलिया भ्रष्टाचार की गंभीर घटना बनकर सामने आई है। लगभग 20 लाख रुपये की स्वीकृत लागत वाला यह निर्माण कार्य कथित तौर पर ठेकेदार, इंजीनियर और एसडीओ की मिलीभगत से केवल 8 से 10 लाख रुपये में निपटाने की कोशिश में है, जबकि शेष राशि के गबन का आरोप स्थानीय स्तर पर जोर पकड़ रहा है। कार्यस्थल पर पारदर्शिता पूरी तरह गायब है; आधे से अधिक काम हो जाने के बावजूद नियमों के अनुसार कार्य विवरण बोर्ड तक नहीं लगाया गया। डीएमएफ के कार्यों में एजेंसी ग्राम पंचायत होती है, लेकिन इस मामले में ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया गया। आरोप है कि कलेक्टर और निचले अधिकारियों तक कमीशन का बंटवारा किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पुलिया की गुणवत्ता और भविष्य में आवागमन की सुरक्षा खतरे में है। यह मामला उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है और शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बोल्दाकला सहित अन्य गांवों में भी इसी ठेकेदार द्वारा डीएमएफ और अन्य मदों से निर्माण कार्य कराए गए हैं, जिसमें घटिया गुणवत्ता, बिना बोर्ड और कम लागत में अधिक भुगतान का खेल खेला गया। स्थानीय नागरिकों और जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच, दोषियों पर एफआईआर, ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने और भुगतान रोकने की मांग की है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश राजपूत ने निर्देश दिए हैं कि इंजीनियर और एसडीओ सही तरीके से मूल्यांकन करें और किसी भी गुणवत्ता कमी की स्थिति में कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड नहीं लगा है तो इसे देखवाया जाएगा।







