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सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को नमन

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रायपुर।
सिख गुरु गोविन्द गोविन्द सिंह जी के पुत्रों की शहादत को याद करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बालगृह बालक माना कैम्प, बाल जीवन ज्योति बालिका गृह पुरानी बस्ती, बालिका गृह कोंडागांव के साथ मुख्य कार्यालय रायपुर में वीर बाल दिवस मनाया गया। परिषद के संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार निगम ने बताया की किस प्रकार से गुरू गोविंद सिंह जी के 2 पुत्रों अजीत सिंह और जुझार सिंह, ने वीरता पूर्वक लड़ते हुए चमकौर की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी और उनके 2 पुत्रों ज़ोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वज़ीर खान ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था।
इस प्रकार गुरु गोविन्द सिंह जी के चारों पुत्रों ने धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनके साहस , वीरता और शहादत को याद करते हुए उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। बच्चों और युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा मिलती हैं कि कैसे साहस और संकल्प से बड़े काम किया जा सकता है। इससे हमें राष्ट्र प्रेम और धर्म के प्रति समर्पण के साथ जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा मिलती है। भारत सरकार द्वारा भी 16 दिसम्बर से 24 दिसम्बर 2024 तक वीर बाल दिवस कार्यक्रम करने हेतु प्रपत्र जारी किया गया था जिसके तहत 6 वर्ष से 10 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों से पेंटिंग , 11 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों के लिए कविता, नाटक और मनोरंजन के लिए नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन करने निर्देश प्राप्त हुआ था। बालगृह माना कैम्प में पेंटिंग में प्रथम राजू, द्वितीय दीपक, तृतीय बंटी नाटक में डॉक्टर की भूमिका में पप्पू और शिक्षक की भूमिका के लिए दुर्गेश को और नृत्य में सोनू , बिट्टू और साहिल को पुरस्कार प्रदान किया गया इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर परिषद के उपाध्यक्ष डॉ अशोक त्रिपाठी, डॉ कमल वर्मा, महासचिव चंद्रेश शाह, संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार निगम, प्रभा सेंद्रे, श्वेता सिंह, पूजा मिसलवार और सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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