साक्षी जायसवाल प्रदेश की पहली बालिका साइंटिस्ट को दिल्ली में मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान

बेमेतरा। डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल बेमेतरा के प्राचार्य के सुपुत्री साक्षी जायसवाल को दिल्ली में मिला राष्ट्रीय कल्चुरी गौरव सर्वोच्च सम्मान।
साक्षी ने वायरलेस संचार तकनीकी का आविष्कार कर प्रदेश की पहली बालिका साइंटिस्ट बन गोल्डन बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी है।
अखिल भारतीय कलवार, कलाल, कलार महासभा, दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में छत्तीसगढ़ के नवोदय विद्यालय में कक्षा 11वीं की छात्रा बेटी साक्षी जायसवाल को राष्ट्रीय कलचुरी गौरव सर्वोच्च नागरीक सम्मान से नवाजा गया।दिल्ली के हरिमंदिर, गुरुतेग बहादुर नगर में संपन्न इस भव्य राष्ट्रीय अधिवेशन में देश विदेश से आए प्रतिभागियों के बीच कुल 19 व्यक्तियों को इस सर्वोच्च नागरी सम्मान से अलंकृत किया गया।यूपी के कैबिनेट मंत्री रविंद्र जायसवाल के हाथों यह सम्मान दिया गया।
तमिलनाडु के राज भवन में राज्यपाल टी एन रवि एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार से सम्मानित एवं लेफ्टिनेंट जनरल बी एस खण्डारे दिल्ली, रूसी व कजाकिस्तानी के अंतरिक्ष यात्री, नासा व इसरो सहित देश व विदेश के अनेको वैज्ञानिकों ने अब तक साक्षी जायसवाल को बाल वैज्ञानिक से सम्मानित कर चुके है। स्पेस किड्ज़ इंडिया, यंग साइंटिस्ट इंडिया व युवा वैज्ञानिक से लगातार तीन वर्षों से सम्मानित हो चुके हैं, फिल्मांकन में अहम रोल, कवयित्री, लेखिका, मोटिवेशनल स्पीकर, एवं वर्तमान में जवाहर नवोदय विद्यालय माना रायपुर एक्स नवोदय फाउंडेशन के ओर से परीक्षा सफलता के बाद सी ओ ई, जेईई, आई आई टी कोर्स के लिए चयनित हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ की पहली बालिका साइंटिस्ट जिसने वायरलेस संचार तकनीकी का विस्तार किया
दो साल के शोध के बाद नवोदय विद्यालय में पढ़ते पढ़ते साक्षी जायसवाल प्रकाश का उपयोग करके डेटा स्थानांतरण हेतु वायरलेस संचार तकनीक का आविष्कार करने वाले पहली बालिका बनी। यह उपलब्धि “गोलडन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड” में दर्ज है। साथ ही छत्तीसगढ़ के 12 वर्ष में सबसे कम उम्र में बालिका सांइटिस्ट बनने का वर्ड रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। बेटी की इसी उपलब्धि के लिए समाज ने उसे सर्वोच्च सम्मान से अलंकृत किया।
आयोजन को लेकर अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा के राष्ट्रीय महासचिव किशोर भगत ने बताया कि, संस्था की ओऱ से हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले स्वजातीय सेवियों को ‘कलचुरी रत्न’, ‘कलचुरी गौरव’ और ‘कलवार श्री’ अवार्ड प्रदान किए जाते हैं। साक्षी जायसवाल को कलचुरी गौरव ’ सम्मान के लिए चयनित कम उम्र में मिली बड़ी उपलब्धियों के चलते किया गया।हम उनकी उज्वल भविष्य की कामना करते हैं ।
भाई भी कम नहीं, 12 की उम्र में आइंस्टीन का रेकॉर्ड तोड़ चुके हैं
साक्षी जायसवाल के भाई पियुष जायसवाल एक वर्ष बड़े हैं अभी बारहवी कक्षा में पढ़ते हैं। दुनिया में सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक बनने का रिकार्ड आइंस्टीन के नाम था। पियुष जायसवाल ने महज 12 साल की उम्र में अमेरिका के यूनिवर्सिटी से डॉ के उपाधि, पी एच डी व रिसर्चर हासिल कर अल्बर्ट ऑईस्टीन का यह रिकार्ड को तोड़ दिया था।इसके लिए उनका नाम गोल्डन बुक वर्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है इसके अलावा दो अंग्रेजी में किताब लिख चुके हैं पियुष को 15 से 17 लाख की स्कालरशिप भी मिल चुके है पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी उन्हें तीन बार सम्मानित व पुरूस्कृत किया था। वर्तमान सी एम विष्णु देव साय ने भी सम्मानित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति से मिलवाने का भरोसा दिला चुके हैं इसके अलावा अन्य अनेकों केंद्रीय व कैबिनेट मंत्रियो ने भी कई बार पियूष को सम्मानित कर चुके है। पीयूष और साक्षी दोनों आगे चलकर देश के नाम रोशन के साथ देश के सेवा करना चाहते हैं।
