छत्तीसगढ़ में पदोन्नति में आरक्षण बहाल, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया अंतरिम आदेश
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रायपुर। शुक्रवार की देर शाम को सुप्रीम कोर्ट से उनके द्वारा लगाई याचिका पर फैसला हुआ जिसमें न्यायाधीश महोदय ने संगत मानते हुए पदोन्नति में आरक्षण को अंतिम आदेश के अध्ययधीन मानते हुए अनुमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार की शाम को डंगनिया मुख्यालय के गेट के सामने बैठकर पदोन्नति में आरक्षण एवं अन्य सांगठनिक मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया।
कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष इं. आर. एल. ध्रुव बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लेकर माननीय हाई कोर्ट में याचिका क्र. 9778/2019 एवं अन्य प्रकरण में दिनांक 16.04.2024 को पारित आदेश को माननीय सुप्रीम कोर्ट में डायरी क्र. 5555/2025 द्वारा चुनौती दी गई, जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24.02.2025 की सुनवाई में पूर्व में जारी अंतरिम आदेश दिनांक – 01.05. 2023 के संगत मानते हुए पदोन्नति में आरक्षण को अंतिम आदेश के अध्ययधीन मानते हुए अनुमति दे दी है।
वकील की सुनवाई के बाद न्यायालय ने निम्नलिखित आदेश पारित किया जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता की सुनवाई की गई। विशेष अनुमति याचिका दायर करने की अनुमति प्रदान की जाती है। विलम्ब की क्षमा मांगने वाले आवेदन पर नोटिस जारी किया जाए साथ ही विशेष अनुमति याचिका पर भी।
डायरी संख्या 5555/2025 के तहत विशेष अनुमति याचिका के निपटारे तक एसएलपी (सी) संख्या 19668/2022 के समान निर्देश होंगे, ताकि राज्य को चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और नियुक्तियां और पदोन्नति करने की अनुमति दी जा सके, हालांकि, वे इन याचिकाओं के परिणाम के अधीन होंगे। सभी नियुक्ति और पदोन्नति आदेशों में विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा कि ऐसी नियुक्तियां और पदोन्नति वर्तमान कार्यवाही के अंतिम परिणाम के अधीन हैं। इस मामले को एसएलपी (सी) संख्या 18816-18817/2022 के साथ सूचीबद्ध करें।
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