“रेरा ने घर खरीदारों को दी अहम चेतावनी: परियोजना विस्तार ≠ आधिपत्य तिथि”

रायपुर. छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने घर खरीदारों के हित में महत्वपूर्ण जानकारी जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी परियोजना की विस्तार अवधि और आधिपत्य तिथि दोनों अलग-अलग अवधारणाएं हैं। रेरा ने कहा कि परियोजना की अवधि बढ़ाए जाने का मतलब यह नहीं है कि खरीदार को संपत्ति देने की निर्धारित तिथि भी अपने आप बढ़ गई है। प्राधिकरण ने बताया कि परियोजना की वैधता अवधि वह होती है, जो प्रमोटर पंजीयन के समय घोषित करता है और इसमें निर्माण कार्य पूरा करने का वादा किया जाता है, जबकि आधिपत्य तिथि वह दिन है जब खरीदार को फ्लैट या प्लॉट का वास्तविक कब्जा मिलना है। यदि प्रमोटर समय पर निर्माण पूरा नहीं कर पाता, तो वह परियोजना की वैधता अवधि बढ़ाने के लिए रेरा से अनुमति ले सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आधिपत्य तिथि भी बढ़ जाएगी। रेरा ने खरीदारों से अपील की है कि वे Agreement for Sale में लिखी आधिपत्य तिथि को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यदि तय तिथि पर कब्जा नहीं मिला तो रेरा पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर ब्याज या धनवापसी का दावा करें।






