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आश्रम और छात्रावासों के अधीक्षकों को एचसी से रहत

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बिलासपुर। कबीरधाम जिले के छात्रावासों और आश्रमों में वर्ष 2015 से पूर्व से अथवा कई वर्षों से अधीक्षक के रूप में पदस्थ हैं। उनमे अनीता धुर्वे, प्रहलाद राम पात्रे, माया दर्रो, जयंती मेरावी, भेजंती धुर्वे, राजकुमारी बंजारे, बसंती बंजारे, चंपा देवी वारले, पूरन सिंह पोर्ते, गणपत दास बघेल, मनोज कुमार मंडावी, लखनलाल वारते, छोटा सिंह चिचाम, प्रकाश टेकाम, दीपकला पातरे, सुनीता सोनवानी, नर्मदा मरावी एवं नंदकुमार मरावी आदि शामिल हैं। उन्होंने हाई कोर्ट में उनको पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की। इसमें उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। अब विभाग उन्हें हटाकर हाल ही में पदोन्नत अधीक्षकों को उनके स्थान पर पदस्थ करने की तैयारी कर रही है।
यह कार्यवाही विभाग द्वारा 10 जून 2025 को जारी दिशा-निर्देशों की कंडिका 03 के विपरीत है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जिन आश्रमों और छात्रावासों में वर्ष 2015 के पूर्व से शिक्षक कार्यरत हैं, उन्हें रिक्त नहीं माना जाएगा और उन्हें हटाने की प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी. इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं के आवेदन पत्रों पर कोई सुनवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदिम जाति एवं आदिवासी विकास विभाग को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं के आवेदनों का 4 सप्ताह के भीतर नियमानुसार निराकरण किया जाए।

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