राम मंदिर राजनीतिक फायदे का नहीं, आस्था का मुद्दा: अमित शाह
Lok Sabha Elections 2024 : केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के बीच कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में एक ऐसा नेता जनता के सामने आया है, जिसके पास 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और 25 साल का एजेंडा है। बीते 10 सालों में मोदी जी ने राजनेताओं के वादों पर जनता का भरोसा कायम करने का काम किया है। पहले जनता मान चुकी थी कि चुनाव के वक्त नेता बोलते हैं, इन पर क्या भरोसा करना, लेकिन 2014 से लेकर 2024 तक किए गए सारे वादे पूरे कर, 2024 में जनता से बहुमत मांगने जा रहे हैं। देश की जनता को PM मोदी की ‘गारंटी’ पर अटूट भरोसा है।
शाह ने कहा कि कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। 2014 में हमने 272 सीटें जीतीं, 2019 में लगभग 300 सीटें जीतीं और इस बार हम 370 सीटें पार करेंगे और NDA 400 सीटें पार करेगा। हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वीकारा था कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) होना चाहिए, लेकिन वो उचित समय नहीं लगा, इसलिए अनुच्छेद-44 में संविधान निर्माताओं ने विधान मंडल और संसद को कहा है कि देश के सभी नागरिकों के लिए उचित समय पर यूसीसी लागू करने का देश प्रयास करेगा। कांग्रेस आज वोट बैंक के कारण कह रही है कि यूसीसी नहीं होना चाहिए। हम भारतीय जनसंघ की स्थापना से कह रहे हैं कि देश में यूसीसी होना चाहिए और अब समय आ गया है कि पूरे भारत में यूसीसी हो।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता एक बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन है। भारतीय जनसंघ की स्थापना के बाद से, हमने समान नागरिक संहिता की वकालत की है। सभी लोकतांत्रिक देशों में समान नागरिक संहिता है, इसलिए भारत में भी समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। अब इसे पूरे देश में लागू करने का समय आ गया है। वन नेशन-वन इलेक्शन कोई नया विचार नहीं है, देश में दो दशकों तक वन नेशन-वन इलेक्शन चला है। हमने अपने घोषणा पत्र में रखा है कि इस देश में वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी आए और जरूर आए। सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है। इस देश को पंथ निरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह भाजपा का है, इसलिए तो हम यूसीसी ला रहे हैं। वो शरिया के आधार पर देश चलाने का कह रहे हैं, उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है, हमें नहीं है।