रायपुर में 150 करोड़ का ज़मीन घोटाला, रेरा ने बिक्री पर लगाई रोक

रायपुर में राज्य गठन के बाद का अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 150 करोड़ रुपए बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घोटाला पूरी तरह सुनियोजित तरीके से किया गया, जिसमें रसूखदारों ने अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रख दिया। शहर से लगे डोमा क्षेत्र की 50 एकड़ जमीन, जो रिकॉर्ड में चराई भूमि के रूप में दर्ज थी और किसी को निजी स्वामित्व में नहीं दी जा सकती थी, पहले कुछ किसानों के नाम अलॉट की गई। फिर इन्हीं किसानों से यह जमीन दो निजी कंपनियों — स्वास्तिक प्रोजेक्ट्स और रूपी रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड — ने खरीद ली। इसके बाद जमीन एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी, मेसर्स गोदरेज प्राइवेट लिमिटेड, को बेच दी गई, जिसने रेरा (RERA) में पंजीयन कराए बिना ही इसकी प्लाटिंग कर बिक्री शुरू कर दी। जब रेरा को इस अनियमितता की शिकायत मिली तो उसने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी और खरीदी-बिक्री पर तत्काल बैन लगा दिया। साथ ही, पुणे और मुंबई के तीन एजेंटों पर कार्रवाई कर नोटिस भी जारी किया गया। यह मामला साफ दर्शाता है कि कैसे रसूखदार कानूनों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को अंजाम दे सकते हैं।
