रायपुर में मिली डिजिटल साक्ष्य जांच की बड़ी सुविधा
छत्तीसगढ़ के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि राजधानी रायपुर स्थित पुलिस लाइन कैंपस में संचालित राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला को अब इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक का दर्जा मिल गया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना के बाद अब प्रदेश में होने वाली डिजिटल ठगी, साइबर फ्रॉड और डिजिटल उपकरणों से जुड़े अपराधों की जांच रिपोर्ट छत्तीसगढ़ में ही तैयार होकर अदालतों में वैध साक्ष्य के रूप में स्वीकार की जाएगी। ज्वाइंट डायरेक्टर टी.एल. चंद्रा ने बताया कि यहां की रिपोर्ट जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मान्य होगी और डिजिटल विशेषज्ञ के रूप में गवाही भी दी जा सकेगी। इससे कंप्यूटर, मोबाइल डिवाइस और अन्य डिजिटल मीडिया से जुड़े मामलों की जांच और तेज, सटीक और पारदर्शी हो सकेगी। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक वह विशेषज्ञ होता है जो कंप्यूटर, मोबाइल जैसे डिजिटल उपकरणों में मौजूद डेटा—जैसे ईमेल, संदेश, फोटो, वीडियो आदि—की तकनीकी जांच कर उसकी प्रामाणिकता व अखंडता सुनिश्चित करता है ताकि इसे बिना छेड़छाड़ के अदालत में सबूत के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।






