रेल हादसे की जांच तेज, CRS और पुलिस ने शुरू किया सिग्नलिंग सिस्टम का परीक्षण

बिलासपुर के लालखदान स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे की जांच कई स्तरों पर शुरू हो गई है। रेलवे की ओर से रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) बृजेश कुमार मिश्रा ने जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है, वहीं तोरवा थाना पुलिस ने स्टेशन अधीक्षक की शिकायत पर मेमू ट्रेन के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि 4 नवंबर की शाम कोरबा से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन ने लालखदान के पास खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में ट्रेन के चालक समेत 11 लोगों की मौत हुई और 20 यात्री घायल हुए। अब CRS ने हादसे की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। 6 और 7 नवंबर को बिलासपुर DRM कार्यालय में पूछताछ होगी, जिसमें करीब 19 रेलवे कर्मचारी और अधिकारी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होंगे।
जांच टीम ने गतौरा स्टेशन के सिग्नल पैनल रूम, रेल लाइन और दोनों प्रभावित ट्रेनों का निरीक्षण किया। टीम सिग्नलिंग सिस्टम, ब्रेकिंग पॉइंट और ट्रेन संचालन के सभी रिकॉर्ड का गहन परीक्षण कर रही है। मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि ट्रेन ने रेड सिग्नल क्यों पार किया — क्या यह सिग्नल फेल्योर था, संचालनिक लापरवाही या मानव त्रुटि?
रेलवे सूत्रों के अनुसार, कंट्रोल पैनल लॉग, सिग्नल डेटा रिकॉर्डर और मेमू ट्रेन के ब्लैक बॉक्स की जांच जारी है। रेलवे बोर्ड ने CRS से तीन दिन के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है। वहीं, शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि ट्रेन को गलत सिग्नल वाली लाइन पर चलाया गया था। स्टेशन अधीक्षक निखलेश विठालकर ने मृत चालक विद्या सागर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसके आधार पर पुलिस ने बीएनएस और रेलवे एक्ट की कई धाराओं में अपराध दर्ज किया है।
रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर घायलों को ₹5 लाख और सामान्य घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। दुर्घटना में लोको पायलट विद्या सागर की मौत हो गई, जबकि सहायक लोको पायलट रश्मि राज, ट्रेन प्रबंधक अशोक कुमार दीक्षित और मालगाड़ी के गार्ड शैलेश चंद्र अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।







