चलित थाना के जरिए जन संवाद अभियान, 100 से ज्यादा नक्सल प्रभावित गांवों में पहुंची पुलिस

बीजापुर । जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत नक्सलियों के खात्मे की कगार में पंहुचने के साथ ही शासन, प्रशासन, पुलिस एवं सुरक्षाबल के जवान चलित थाना के जरिए जन संवाद अभियान चलाकर बीजापुर जिले में बाकी बचे नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुडऩे की अपील कर रहे हैं। बीजापुर के अंदरूनी क्षेत्रों के नक्सल प्रभावित गांवों में पुलिस पहुंचकर जवान चलित थाना के जरिए जन संवाद अभियान के माध्यम से ग्रामीणों से बातकर उनको सरकार की योजनाओं के बारे में बता रही है। बीजापुर एससपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि चलित थाना के जरिए जन संवाद अभियान के दौरान ग्रामीणों से सीधे सम्पर्क कर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं। जिससे सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सतत जन-संवाद अभियान से ग्रामीणों में सुरक्षा को लेकर विश्वास मजबूत हो रहा है, समाज में शांति एवं विकास का वातावरण और ज्यादा प्रबल हो रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बीजापुर में 100 से ज्यादा गांवों में पुलिस द्वारा जनसंवाद अभियान चलाया जा रहा है।
बीजापुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा चलित थाना के जरिए जन संवाद अभियान के दौरान जवान ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं विस्तार से सुनने तथा तत्काल समाधान योग्य मामलों पर मौके पर ही उसका निराकरण करने का प्रयास किय जा रहा है। इसके साथ ही आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की जानकारी देते हुए सुरक्षाबलों द्वारा जिले में सक्रिय नक्सलियों के परिवार एवं रिश्तेदारों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि योजनाबद्ध पुनर्वास और रोजगार सुविधाओं के माध्यम से समर्पित सदस्यों को सुरक्षित जीवन, शिक्षा व आजीविका का अवसर मिलने की जानकारी दी जा रही है। जन-सुरक्षा के दृष्टिकोण से जंगलों और रास्तों पर संदिग्ध वस्तु, व्यक्ति या गतिविधि दिखने पर तत्काल सूचना देने की अपील की गई की जा रही है। चलित थाना के माध्यम से ग्रामीणों की शिकायतें दर्ज कर त्वरित निराकरण के प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त साइबर अपराधों पर भी विशेष जागरूकता, जिसमें एटीएम व यूपीआई धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी एवं पहचान दुरुपयोग से बचने के तरीके बताये जा रहे हैं। महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा से संबंधित नवीन कानूनों के प्रावधानों पर भी ग्रामीणों को सूचना प्रदान की जा रही है।
बीजापुर एससपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद विष्णुदेव साय सरकार ने मार्च 2025 में नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की घोषणा की थी। इस नीति के तहत नियद नेल्लानार योजना (आपका अच्छा गांव) और पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन) योजनाएं शुरू की गई। इसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को जमीन, आवास, नौकरी और कई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। इसके साथ-साथ बस्तर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक मूलभूत सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है।







