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निजी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने आबकारी नीति बदलने का प्रस्ताव – कांग्रेस

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रायपुर। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार आबकारी नीति बदल कर शराब दुकानें निजी ठेकेदारों को सौंपने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की ही सरकार ने शराब का सरकारीकरण किया था, भाजपा ही फिर निजीकरण करने जा रही। इस बदलाव के पीछे का कारण क्या है सरकार और भाजपा स्पष्ट करे? निजी ठेकेदारों से लेनदेन करके शराब नीति बदली जा रही है। किस शराब माफिया के इशारे पर शराब नीति बदलने की कवायद हो रही है? विपक्ष में रह कर पूर्ण शराबबंदी की मांग करने वाले नीति बदली करके पूर्ण शराबबंदी क्यों नहीं लागू करते?
शुक्ला ने कहा कि शराबबंदी को लेकर पांच सालों तक हल्ला मचाने वाले भाजपाई बताये शराबबंदी कब होगी? भाजपा के हर छोटे-बड़े नेता ने जनता के बीच घूम-घूम कर शराबबंदी के लिए बढ़-चढ़कर बातें किया था। सरकार में आने के बाद सरकार और भाजपाईयों दोनों के जुबान पर ताला लग गया है। नियंत्रण तो दूर यह सरकार शराब के विक्रय को प्रोत्साहन देकर कमीशन के लालच में शराबियों के संरक्षण और संवर्धन में लगी हुई है।
भाजपा सरकार राज्य की जनता को शराबी बनाने पर तुली है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विपक्ष में रहकर शराबबंदी के लिये कसमें खाने वाली शराबबंदी की दुहाई देने वाली भाजपा की सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों की संख्या दुगुनी कर दिया है। राज्य में लगभग 700 देशी और अंग्रेजी शराब दुकाने थी। भाजपा सरकार ने हर देशी शराब दुकानां में अंग्रेजी तथा अंग्रेजी शराब दुकानों में देशी बेचना शुरू कर दिया है। मतलब अब देशी और अंग्रेजी शराब दुकानो की संख्या डबल हो गयी है। अर्थात अब प्रदेश में कुल 1400 शराब दुकाने खोल दी गयी है, इसके अतिरिक्त से 67 नई शराब दुकाने सरकार ने खोला है। भाजपा की जब रमन सरकारे थी तब उसी ने शराब का सरकारीकरण किया था। अब भाजपा फिर निजीकरण करने जा रही।

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