छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, गौमाता और भ्रष्टाचार पर सियासी संग्राम तेज

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, गौमाता और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सियासत तेज हो गई है। माड़ डिवीजन के 16 नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इसे डबल इंजन सरकार की इच्छाशक्ति का परिणाम बताया और कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में नक्सलवाद फला-फूला क्योंकि उसमें इच्छाशक्ति की कमी थी। वहीं, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब देते हुए कहा कि भूपेश बघेल सरकार के दौरान नक्सलवाद को सीमित कर दिया गया था और अगर कांग्रेस की सरकार बनी रहती, तो नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाता। इसी बीच, कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा गोमाता को राजमाता का दर्जा देने की मांग पर भी राजनीतिक बयानबाजी हुई। मंत्री जायसवाल ने इसे स्वागत योग्य बताया, जबकि ताम्रध्वज साहू ने कहा कि भाजपा केवल दुष्प्रचार में माहिर है, क्योंकि गौ माता को हमेशा से पूजनीय माना गया है। कांग्रेस पर घोटालों के आरोप लगाते हुए मंत्री जायसवाल ने पार्टी की तुलना मुगलों से की, जिस पर पूर्व गृह मंत्री साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री को इतिहास की जानकारी नहीं है और कांग्रेस को भाजपा के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं। वहीं, राशन कार्ड विवाद पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस जंगलराज वापस लाना चाहती है, जबकि सरकार पारदर्शिता और भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।
