पीएम ने जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का किया लोकार्पण

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की रजत जयंती समारोह के अवसर पर शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को संग्रहालय को उत्कृष्टता के साथ मूर्त रूप देने के प्रयासों के लिए बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के वीर सेनानियों का देश के लिए योगदान जीवंत रूप में प्रदर्शित हो रहा है। यह आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर नायकों के शौर्य और बलिदान से परिचित कराता रहेगा।
सीएम साय ने कहा कि जनजातीय वर्गों की ऐतिहासिक गौरवगाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक यह संग्रहालय-सह-स्मारक अब जनसमर्पित हो रहा है। यह संग्रहालय नई पीढ़ियों को हमारे पुरखों की वीरगाथाओं को अविस्मरणीय बनाएगा। पीएम को प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने संग्रहालय की विशेषताओं की जानकारी दी। शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय 50 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यहां 14 गैलरियों में अंग्रेजी हुकूमत काल के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की लगभग 650 मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। जनजातीय विद्रोहों को आसानी से समझाने के लिए डिजिटल माध्यमों की भी व्यवस्था की गई है।
पीएम मोदी ने संग्रहालय परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर ‘ई-पुस्तिका आदि शौर्य’ का विमोचन भी किया गया। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के वंशजों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने संग्रहालय परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।
पीएम ने जशपुर जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित ‘जशप्योर ब्रांड’ के अंतर्गत तैयार किए गए उत्पादों — महुआ लड्डू, महुआ कैंडी, महुआ टी, महुआ हेक्टर संग्रह आदि का अवलोकन किया और उनकी गुणवत्ता की सराहना की। उन्होंने जशपुर की पारंपरिक हस्तकला ‘छिंद कांसा टोकरी’ (हाथ से बनी बांस/छिंद की टोकरियाँ) के बारे में जानकारी ली और स्थानीय संसाधनों से बनी इस कलाकृति की प्रशंसा की।
राज्यपाल रमेन डेका, सीएम साय, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम, राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री रामविचार नेताम, केंद्रीय राज्य मंत्री (जनजातीय कार्य) दुर्गा दास उइके, केंद्रीय सचिव (जनजातीय कार्य मंत्रालय) श्रीमती रंजना चोपड़ा, प्रमुख सचिव (अनुसूचित जनजाति) सोनमणि बोरा, निदेशक (केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय) श्रीमती दीपाली मसीरकर, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, शहीद वीर नारायण सिंह जी के वंशज तथा विभिन्न राज्यों के जनजातीय कार्य एवं अनुसंधान संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए प्रमुख आदिवासी विद्रोहों — हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह — के वीर नायकों के संघर्ष और शौर्य के दृश्य 14 गैलरियों में सजीव रूप से प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर दो अलग-अलग गैलरियाँ भी निर्मित की गई हैं।







