नवजात की हत्या के दोषी मां की याचिका ख़ारिज, उम्रकैद की सजा सही: हाईकोर्ट

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने दो दिन के नवजात की हत्या के मामले में दोषी मां की अपील याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को सही ठहराया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सामाजिक बैठक में महिला द्वारा बिना किसी दबाव के यह स्वीकार करना कि नवजात उसके अवैध संबंधों का परिणाम था और सह अभियुक्त द्वारा बच्चे को अपनाने से इनकार करने पर हत्या की बात स्वीकार करना, सजा का पुख्ता आधार है।
दरअसल यह मामला रायपुर जिले का है, जहां 22 अक्टूबर 2018 को एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी विधवा बहू ने एक सह अभियुक्त के साथ मिलकर दो दिन के नवजात की हत्या कर दी है। आरोप के अनुसार, नवजात के सिर और गले पर वार कर उसकी हत्या की गई और फिर शव को फेंक दिया।
मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें सिर और गले पर गंभीर चोटें पाई गईं और हत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद अभियोजन की ओर से पेश साक्ष्य और महिला के कथन के आधार पर सत्र न्यायालय ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायमूर्ति बीडी गुरु ने सुनवाई करते हुए कहा कि महिला ने बयान स्वेच्छा से दिया है और वह मामले की परिस्थितियों से मेल खाता है, इसलिए उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस फैसले के साथ हाईकोर्ट ने महिला द्वारा किए गए अमानवीय कृत्य के खिलाफ कड़ा संदेश भी दिया है।
