प्रशासनिक लापरवाही के कारण तीन माह बाद भी धान का उठाव नहीं, डीएमओ ने किया आंख बंद, प्रबंधको की बढ़ी परेशानी
कवर्धा। प्रदेश सहित जिले में धान खरीदी खत्म हुए करीब तीन माह होने को है, लेकिन तीन माह बाद भी उपार्जन केंद्रों में धान पड़ा हुआ है। प्रशासनिक लापरवाही व जिम्मेदार अधिकारी डीएमओ भी आंख बंद कर शांत बैठ गए है। इसके कारण अब तक धान का उठाव नही हो सका है।
जिले में विपणन विभाग और राईस मिलर की मनमानी के चलते धान खरीदी बंद होने के तीन महीने बाद भी धान का उठाव नहीं हो सका है। अभी भी उपार्जन केन्द्रों में लगभग 80 हजार क्विंटल से ज्यादा धान पड़ा हुआ है। इधर बेमौसम बारिश से समिति प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है। सहसपुर लोहारा विकास खंड के मोहगांव में समिति प्रबंधकों ने अपने सर पर धान का बोरा ले कर प्रदर्शन किया और विपणन विभाग व राईस मिलर को चेतावनी दी की य़दि जल्द ही धान का उठाव नहीं होगा तो विपणन विभाग के सामने धान का बोरा रखकर प्रदर्शन करने मजबूर होंगे। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष गंगा दास मानिकपुरी ने विपणन विभाग और राईस मिलर पर सांठगांठ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खरीदी केन्द्रों में जहां भी धान का उठाव नहीं हुआ है वहां धान को खराब बता कर उठाव नहीं कर रहे हैं। जबकि धान की क्वालिटी में कोई कमी नहीं आई है। इसके बावजूद परसेंटज की मांग के चलते राईस मिलर दूसरे जिले के मिलरो को भी धान का उठाव करने से रोक रहे हैं। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कुल मिलाकर जिला विपणन और राईस मिलर सांठगांठ कर सारा खेल खेल रहे हैं।
बारिश में उग आए धान, मवेशी खा रहे धान
करोड़ो रूपये खर्च कर शासन ने किसानों से धान की खरीदी की है, लेकिन जिले के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रही है। उपार्जन केंद्रों में धान बारिश से भीग गए है और धान में पिकी यानी धान उग रहे है वही कई उपार्जन केंद्रों में मवेशी धान को नुकसान कर रहे है, लेकिन न तो इस पर जिला प्रशासन गंभीर है न ही विपणन विभाग गम्भीर है।