उत्तराखंड में 36 मौतों की जांच के आदेश, सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
अल्मोड़ा में मार्चुला के नीचे बहने वाली रामगंगा नदी घाटी सोमवार सुबह चीखों से गूंज उठी. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग. हर तरफ चीख पुकार. दीवाली की खुशियां दो दिन बाद ही मातम में बदल गईं. त्योहार मनाकर महानगरों की ओर लौट रहे 42 अभागे यात्रियों को लेकर पौड़ी से निकली बस मार्चुला में गहरी खाई में समा गई. यह हादसा इतना खौफनाक था कि जिसने देखा, वह दहल गया. बस सड़क से उछलकर सीधे चट्टान से टकराई और फिर लुढ़कते हुए रामगंगा नदी तक पहुंच गई. चट्टान के टकराने के बस के परखच्चे उड़ गए. कई यात्रियों बस से छिटकर इधर-उधर झाड़ियों में गिर गए. कुछ बस के साथ नीचे नदी में गिर गए. हादसे में मौके पर ही 22 लोग की मौत हो गई. कुछ घायलों ने अस्पताल में भी दम तोड़ दिया. अब तक इस हादसे में 36 लोगों की मौत चुकी है.
काफी देर तक यात्री दर्द में तड़पते रहे. कुछ देर बाद स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे. इसके बाद रेक्स्यू टीमें भी मदद के लिए पहुंच गईं. नदी से शवों को निकाला गया. बच्चों और महिलाओं के क्षत-विक्षत शव देखकर बचावकर्मी भी दहल गए. चट्टान से टकराने के कारण यात्री झाड़ियों में इधर-उधर छिटक गए थे. ऐसे में यात्रियों को ढूंढने का काम और भी मुश्किल हो रहा था. सुबह लगभग साढ़े आठ बजे की घटना है. बस अल्मोड़ा के कूपी गांव में खाई में गिरी है. ये बस जब खाई में गिरी, तब उसमें 45 से 50 यात्री सवार थे, जबकि ये 42 सीटर बस है. बस पौड़ी के नैनीडांडा से रामनगर जा रही थी.