शीर्ष चार तेलुगु कैडर के नक्सलियों में से एक बनेगा महासचिव, आम सहमति बनने तक गणपति प्रभारी महासचिव

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सहित अन्य नक्सल प्रभािवत प्रदेशों में भी लगातार कमजोर होते नक्सल संगठन के इस दौरा में 21 मई को अबूझमाड़ में संगठन का महासचिव और नक्सली संगठन का शीर्षस्थ नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजू मारा गया। नक्सली संगठन का शीर्ष नेतृत्व की मुठभेड़ में हुई मौत के बाद पूरा नक्सली संगठन सदमे में हैं। वर्तमान में लगातार जारी मुठभेड़ में नक्सली संगठन के कई बड़े नेता सहित दूसरी पंक्ति के नक्सली कैडर मारे जा रहे हैं, वहीं नक्सलियों के आत्मसमर्पण एवं गिरफ्तारी से पूरा नक्सली संगठन तहस-नहस हो जाने से अब नक्सली संगठन में नेतृत्व को लेकर गंभीर संकट देखा जा रहा है । अब निचले कैडर के साथ ही सुरक्षा बल भी यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि नक्सली संगठन का नया महासचिव कौन बनेगा? नक्सल संगठन के पूर्व महासचिव मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति ने अस्वस्थता की वजह से वर्ष 2018 में ही महासचिव का पद छोड़ दिया था। बताया जाता है कि वह नेपाल के रास्ते फिलिपींस से अपना इलाज करवाकर लौट आया है, और इस समय वह देश में ही है। सूत्रों के मुताबिक अगर नक्सल संगठन की सर्वोच्च संस्था पोलित ब्यूरो और केंद्रीय कमेटी की जल्द बैठक नहीं हो पाती है या आम सहमति बनने तक नक्सली संगठन का प्रभारी गणपति को भी बनाया जा सकता है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सली संगठन की संभावित उत्तराधिकारियों की तलाश तेज कर दी है, इसके तहत 11 कुख्यात नक्सलियों में चार प्रबल दावेदारों में मुपल्ला लक्ष्मण राव गणपति गणपति, मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ सोनू उर्फ अभय, थिप्परी तिरुपति, मिशिर बेसरा सहित में कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा, पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना, गणेश उईके उर्फ चमरू दादा, अनल दा उर्फ तुफान, सब्यसाची गोस्वामी, सुजाता उर्फ कल्पना, माडवी हिडमा आदि शामिल हैं । हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगला महासचिव शीर्ष-4 में से एक होगा । वहीं पिछले कुछ समय से नक्सल संगठन में काफी अंतर्कलह की खबरें हैं । ऐसे में संगठन के महासचिव पद पर आम सहमति कायम करना नेतृत्वकर्ताओं के लिए बड़ी चुनौती है।
एक करोड़ के ईनामी शीर्ष 4 चार तेलुगु कैडर के नक्सलियों में से किसी एक को बनाया जायेगा नया महासचिव
1. एक करोड़ के ईनामी शीर्ष 4 चार नक्सलियों में मुपल्ला लक्ष्मण राव गणपति गणपति उम्र 74 वर्ष पद: पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल समिति के सलाहकार निवास वीरपुर, जिला करीमनगर, तेलंगाना, इनामी 1 करोड़, शिक्षा बीएससी, बी.एड, नक्सली गतिविधियों के रणनीतिकार माने जाने वाले गणपति पार्टी महासचिव पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। सेंट्रल कमिटी में इनकी सलाह को सर्वोपरि माना जाता।
2. मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ सोनू उर्फ अभय उम्र 69 वर्ष निवास पेद्दापल्ली, करीमनगर, तेलंगाना, पद: पोलित ब्यूरो सदस्य, सीआरबी सचिव, प्रवक्ता, इनामी 1 करोड़, शिक्षा बीकॉम, बसवराजू की मौत के बाद सबसे चर्चित नाम। पहले सरकार से सीजफायर की अपील कर चुका है। गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण की चर्चा भी चल रही है।
3. थिप्परी तिरुपति उम्र 61 वर्ष, निवास: अंबेडकर नगर,करीमनगर,तेलंगाना, पद: पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन प्रमुख, इनामी 1 करोड़, शिक्षा इंटरमीडिएट,सैन्य रणनीति में माहिर, नक्सली हमलों में इसकी योजना का बड़ी भूमिका रही है।
4. मिशिर बेसरा उम्र 62 वर्ष, निवास: सनथल मधुनदी, गिरडीह, झारखंड, पद: पोलित ब्यूरो सदस्य, ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो मिलिट्री इंचार्ज, इनामी 1 करोड़, शिक्षा पोस्ट ग्रैजुएट, वर्ष 2007 में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन 2009 में फरार हो गया। हाई बीपी और डायबिटीज से ग्रस्त है, लेकिन पार्टी में अभी भी मजबूत पकड़ बनाए हुए है। यह तय है कि नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजू के बाद तेलुगु कैडर से ही किसी एक को अगला महासचिव बनाया जायेगा।
नक्सली संगठन में नए नेतृत्व का संकट
लंबे समय से नक्सल संगठन में नया नेतृत्व सामने नहीं आ रहा है। इसकी वजह से संगठन लगातार कमजोर हो रहा है। वर्तमान में जो केंद्रीय नेतृत्व है उनकी औसत उम्र भी 62 वर्ष बताई जाती है। आलम यह है कि बारह सदस्यों वाली नक्सलियों की शीर्ष संस्था पोलित ब्यूरो में पांच सदस्य बचे थे लेकिन बसव राजू की मौत के बाद अब यह संख्या घटकर चार रह गई है। इसी तरह 24 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी में अब मात्र 11 सदस्य ही बचे हैं। नक्सली संगठन में नेतृत्व का संकट विगत 5 वर्षों से देखा जा रहा है, जब नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सचिव तेलंगाना के वारंगल निवासी 2.40 करोड़ का ईनामी रमन्ना उर्फ रावलु श्रीनिवास की मौत बस्तर में ही हार्ट अटैक से मौत होने के बाद यह कलह खुलकर सामने आ गई थी । जबकि इस पद के लिए किशनजी की पत्नी सावित्री, रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुडसा उसेंडी, पक्का हनुमंता उर्फ गणेश उईके की दावेदारी के कारण इस पद पर नई नियुक्ति की घोषणा लंबे समय तक नहीं की गई थी, बाद में गुडसा उसेंडी को प्रभारी सेंट्रल कमेटी का सचिव बना दिया गया।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि नक्सली संगठन आज पूर्णत: विघटन की कगार पर है, जहां न तो कोई सक्षम नेतृत्व बचा है, और न ही कोई रणनीतिक दिशा । नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजू के मारे जाने बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं अब बेमानी हैं, उनकी मौत के साथ ही यह आंदोलन अपनी वैचारिक और संचालन क्षमता भी खो चुका है । यह माना जा सकता है कि नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजु ही इस अवैध नक्सली संगठन का अंतिम महासचिव था । उन्होने कहा कि नक्सल मुक्त बस्तर मिशन अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि तेजी से साकार होती हुई हकीकत है। एक समय आतंक और हिंसा का प्रतीक रहा नक्सल आंदोलन अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है, जबकि शांति और विकास की नई सुबह बस्तर में दस्तक दे चुकी है। अब नक्सली कैडरों के पास एक मात्र सम्मानजनक विकल्प यह है कि वे आत्मसमर्पण करें, हिंसा का रास्ता छोड़ें और समाज की मुख्यधारा में लौटें। सरकार लगातार पुनर्वास और शांतिपूर्ण जीवन की पेशकश कर रही है। परंतु यदि कुछ तत्व अब भी इस अवसर को नजर अंदाज करते हैं, तो उनका अंत निकट और निश्चित है।
