वैदिक शिक्षा से एक लाख विद्यालयों को जोड़ा जाएगा

00 आधुनिक शिक्षा देकर सनातन व नूतन का संगम से होगा भारतीयता का बोध
रायपुर। भारतीय शिक्षा बोर्ड स्कूल शिक्षा का एक राष्ट्रीय बोर्ड है जिसे शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा विभाग के 03/02/2023 के पत्र क्र. एफ-11.-3/2016 के अनुसूची-3 द्वारा सम्बद्ध है। बोर्ड को ए.आई.यू. दिल्ली द्वारा सम्बद्धता प्रदान की गई है। भारतीय शिक्षा बोर्ड शिक्षा के क्षेत्र में सतत् व्यापक व समग्र क्रांति है जिसका उद्देश्य भारत को शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर वर्षों से चली आ रही वैचारिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृति पराधीनता से मुक्त करना व भारत को विश्वपटल पर पुन: परम वैभवशाली विश्वगुरू पद पर प्रतिष्ठित करना है। इस देश का इतिहास रहा है कि इसने सदैव सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व किया है।
भारत स्वाभीमान ट्रस्ट एवं पंतजलि परिवार के राज्य प्रभारी संजय अग्रवाल एवं प्रभारी, भारतीय शिक्षा बोर्ड, रायपुर छबिराम साहू ने पत्रकारवार्ता में बताया कि हमारा उद्देश्य शिक्षा के इस क्रांति के माध्यम से प्रारंभ में ही लगभग एक लाख विद्यालयों को जोड़कर उनको वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा देकर सनातन व नूतन का संगम करके प्रत्येक विद्यार्थी में भारत का भारतीयता के बोध के साथ आत्म गौरव का भाव जगाकर पवित्र, चरित्र व व्यक्तित्व युक्त नेतृत्व का निर्माण करना है। जो विश्व नागरिक के रूप में तैयार होकर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का नेतृत्व कर सके। भारतीय शिक्षा बोर्ड में बालवाटिका से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा स्तर में मानकीकरण, प्रबंधन, संघ, संबद्धता प्रमाणन, प्रमाणीकरण कार्यक्रम है। भारतीय शिक्षा बोर्ड के पाठ्य क्रम में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक शिक्षा जैसे- वेद, उपनिषद, दर्शन, गीता, पुराण का समावेश है। पाठ्यक्रम विषयों में संगीत, चित्रकला, नाटक, के साथ रट्टाकार पढ़ाई से मुक्ति व प्रेक्टिकल बेस पढ़ाई होगी।
नई शिक्षा नीति 2020 के तक खेल आधारित, गतिविधि आधारित पाठ्यक्रम है। कक्षा 1 से संस्कृत, नर्सरी से हिन्दी, अंग्रेजी भाषा शिक्षा, पहली से कम्प्यूटर शिक्षा, छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा, बोर्ड में सभी एडवांस, आधुनिक शिक्षा, कम्प्यूटर, रोबोर्ट सांइस, कोडिंग, आर्टिफिशियन एन्टेलिजेंस, डाटा एनालिसिस आदि का समावेश है। वैदिक गणित, सांइस, गणित में पूर्वजों की गाथा, भारत के क्रांतिवीरों की अमर गाथा, योग, ध्यान, पंचकोश, अष्टांग योग, विद्यार्थियों का माता-पिता, गुरूजनों, राष्ट्र, विश्व व सम्पूर्ण मानवता के प्रति कर्तव्य बोध समाहित किया गया है। भारतीय शिक्षा बोर्ड के संरक्षक मोरारी बाबू , अध्यक्ष स्वामी श्रीराम देव , कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. एन.पी.सिह. (पूर्व आई.ए.एस.), सचिव आचार्य बालकृष्ण , वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूज्य गोविंद गिरी (कोषाध्यक्ष, श्री राम मंदिर ट्रस्ट, आयोध्या) हैं। 18 अप्रैल को लखीराम अग्रवाल सभागार बिलासपुर में तथा 20 अप्रैल को महाराजा अग्रेसन इंटरनेशनल कॉलेज, समता कॉलोनी, रायपुर में प्रात: 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक संगोष्ठी आयोजित है। जिसमें मुख्य वक्ता डॉ. एन.पी.सिह. (पूर्व आई.ए.एस.) चेयरमेन भारतीय शिक्षा बोर्ड होंगे। रायपुर के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती मीनल चौबे, महापौर, रा.न.नि. होंगे।
