नक्सलियों के पीएलजीए सप्ताह पर बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा अलर्ट पर

जगदलपुर। नक्सलियों का पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) सप्ताह मंगलवार से शुरू हो गया है, इसे देखते हुए बस्तर में सुरक्षाबल सवेंदनशील नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्चिग तेज कर दी गई है वहीं जवानों को संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है। बस्तर आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि नक्सलियों के पीएलजीए सप्ताह के दौरान किसी भी घटना को रोकने के लिए गश्त, सर्च ऑपरेशन और एंटी-नक्सल मूवमेंट तेज कर दिए गए हैं, सुरक्षा व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है।
गौरतलब है कि नक्सली संगठन द्वारा प्रतिवर्ष 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाया जाता है । इस बार भी नक्सलियों की केन्द्रीय कमेटी ने पीएलजीए सप्ताह मनाने का एलान करते हुए भारत बंद करने का आव्हान किया है। हालाकिं नक्सलियों के लगातार समर्पण के बीच नक्सलियों की एमएमसी जोन ने पीएलजीए सप्ताह नहीं मनाने का एलान किया था लेकिन केन्द्रीय कमेटी ने हर वर्ष की तरह इस बार भी पीएलजीए सप्ताह मनाने का एलान किया है। सुरक्षा एजेंसियां इसे एक ओर जहां नक्सलियों की इस घोषणा को उनके मनोबल गिरने और संगठन में बढ़ती अस्थिरता का संकेत मान रही हैं, तो दूसरी ओर बंद की चेतावनी के बाद सुरक्षा व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है।
विदित हो कि नक्सली संगठन द्वारा प्रतिवर्ष 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाये जाने के दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों में बैनर-पोस्टर लगाकर जोरदार तरीके के साथ प्रचारित किया जाता था। इसके साथ ही बड़े-बड़े पेड़ काटकर एवं सड़कों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध कर दिया जाता था। इस दौरान सड़कों पर वाहन चलना बंद हो जाते थे। मौत का तांड़व करते हुए नक्सली अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए वाहनों पर आगजनी कर भय का साम्राज्य की स्थापना को अमलीजामा पहनाने का कार्य करते थे, इसके साथ ही नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए निकल पड़ते थे, लेकिन वर्तमान में बदली हुई परिस्थितयों में आज मंगलवार को पीएलजीए सप्ताह के पहले दिन नक्सलियों की कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। नक्सलियों के एक भी बैनर-पोस्टर तक नजर नही आ रहे हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में जनजीवन सामान्य है।







