“ओंकारेश्वर ममलेश्वर लोक: प्रभावितों का विरोध और विस्थापन विवाद”

ओंकारेश्वर में ममलेश्वर लोक को लेकर स्थानीय लोगों में भारी असंतोष है। प्रभावित लोग मां नर्मदा की शरण में पहुंचे और प्रार्थना की कि सरकार और जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि मिले ताकि ममलेश्वर लोक का निर्माण ऐसा हो कि लोगों के घरों और जीवन पर कोई विपरीत असर न पड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओंकारेश्वर में कई महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक स्थल हैं और उनका स्थान बदलना उचित नहीं है। प्रभावित लोगों ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक नारायण पटेल, खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता और एसपी मनोज से मिलकर समस्या का समाधान करने की मांग की, लेकिन सांसद और कलेक्टर ने यह स्पष्ट कर दिया कि ममलेश्वर लोक प्रस्तावित स्थान पर ही बनेगा और विस्थापन की प्रक्रिया सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अब तक उन्हें कहीं से कोई मदद या मुआवजा नहीं मिला, जिसके कारण वे सीधे मां नर्मदा की शरण में गए। वहीं, संत समाज ने भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने स्थान नहीं बदला और संतों के आश्रम तोड़े गए, तो पूरे देश से संत समाज हजारों की संख्या में आंदोलन करने पहुंचेगा। सांसद पाटिल ने कहा कि सरकार ममलेश्वर लोक का निर्माण कर रही है और आने वाले समय में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समय पहले स्थानीय विरोध और आक्रोश के कारण सर्वे कार्य रोक दिया गया था, लेकिन ऊपर से दबाव आने के बाद अब प्रशासन के सुर बदल गए हैं। इस विवाद में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने लोगों का विस्थापन किस प्रकार किया जाएगा और उन्हें कहां बसाया जाएगा, क्योंकि अभी तक सरकार ने इसके लिए कोई स्पष्ट योजना, नोटिस या मुआवजे की घोषणा नहीं की है। मामले को लेकर आज संत मंगलदास त्यागी महाराज की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।







