गौठान योजना में अफसरों ने किया घोटाला, FIR की तैयारी

कोंडागांव। जिले के धनोरा क्षेत्र की महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों ने प्रशासन और एनआरएलएम के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि गौठान योजना के नाम पर उनसे करोड़ों का घोटाला कराया गया और अब बैंक व प्रशासन उन्हें 20 लाख की वसूली के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। परेशान महिलाएं अब न्याय की आस में प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं और अफसरों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में हैं।
जिला मुख्यालय में धनोरा क्षेत्र की कई महिलाएं शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने बताया कि जून 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दौरे से पहले गौठान योजना को सजाने-संवारने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनके स्व-सहायता समूह के खाते से 18 लाख रुपए की मांग की। यह रकम गाय, बकरी, सूकर, बटेर, सब्जी बीज और पौधों की खरीदी में लगाने के लिए ली गई थी। महिलाओं का आरोप है कि तत्कालीन अधिकारियों के निर्देश पर करीब 10 लाख से गाय-बकरियां और 8 लाख अन्य सामग्री पर खर्च कर दिए गए। मुख्यमंत्री के दौरे पर अस्थायी तौर पर गोठान में इन चीजों को दिखाया गया, लेकिन उसके बाद कोई देखरेख नहीं हुई। बरसात, सर्दी और बदहाल व्यवस्था के चलते सभी जानवर और पौधे मर गए। समूह को कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
इस मामले में उन्होंने जब कोंडागांव कलेक्टर से शिकायत की, तो उन्हें दो टूक जवाब मिला कि लोन लिया है तो चुकाना ही होगा, नुकसान की जवाबदेही समूह की ही होगी। कलेक्टर के जवाब से निराश होकर महिलाएं अब जिला अधिकारियों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और मजबूरी में उठाए गए कदमों की सजा उन्हें नहीं भुगतनी चाहिए। वे मानसिक रूप से टूट चुकी हैं और न्याय की गुहार लगाते हुए अब कानूनी रास्ता अपनाने जा रही हैं।
महिलाएं बताती हैं कि आज जब वह खुद आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं, तब बैंक प्रबंधन और प्रशासन 20 लाख की रिकवरी के लिए लगातार दबाव बना रहा है। जबकि उनका दावा है कि उन्होंने कुल 18 लाख ही लिया था और वह भी अधिकारियों के कहने पर खर्च किया गया था।
