अब साइबर सुरक्षा मात्र तकनीक का विषय नहीं रह गया – मलिक

रायपुर। नवा रायपुर में सुरक्षित डिजिटल व्यवहार को शासकीय कार्य प्रणाली में प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक दिवसीय कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। साइबर सिक्योरिटी विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में “साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेस, हैदराबाद” के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. श्रीराम बिरुदावोलू ने अपना मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर जानकारी देते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने कहा कि अब साइबर सुरक्षा मात्र तकनीक का विषय नहीं रह गया है, बल्कि शासन की नागरिक केन्द्रित सेवाओं की प्रदायकी के लिए मूलभूत आवश्यकता बन गयी है। यह कार्यशाला प्रशासनिक अधिकारियों को साइबर खतरों की गहरायी को समझने और शासन के डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यशाला में साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम एवं प्रतिक्रिया रणनीतियां साइबर हमलों की नवीनतम् प्रवृत्तियों, कानूनी एवं विनियामक ढांचा आदि विषयों पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
साइबर सुरक्षा पर प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत करते हुए हैदराबाद से आये डॉ. श्रीराम बिरुदावोलू ने बताया कि साइबर सुरक्षा तंत्र वैश्विक जीडीपी में तीसरा स्थान रखता है, जो कि भारत की जीडीपी से लगभग तीन गुना अधिक है। इसे देखते हुए शासकीय कार्यप्रणाली में सुशासन स्थापित करने के लिए साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा यह सुनामी के जैसा संकट उपस्थित कर सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक राज्य सरकार साइबर सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश का पालन सुनिश्चित करें।
कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह, समाज कल्याण विभाग की संचालक सुश्री रोक्तिमा यादव, राज्य ग्रामीण लाईवलीहुड मिशन की संचालक सुश्री जयश्री जैन, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की महाप्रबंधक सुश्री पद्मनी भोई साहू, चिप्स के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डे, संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुपम आशीष टोप्पो सहित गृह, वन और शिक्षा विभाग के अनेक अधिकारियों ने भाग लिया।
