दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत में कोई रूचि नहीं

सियोल। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों ही देशों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर टेंशन बनी हूी रहती है। अब यह बात साफ हो गई है कि निकट भविष्य में दोनों देशों के संबंध पटरी पर आने वाले नहीं हैं। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बहन ने दक्षिण कोरिया की नई सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसमें उसने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए बातचीत की पेशकश की थी।
किम जोंग की बहन ने इस प्रस्ताव को आज खारिज करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत करने में कोई रुचि नहीं है, चाहे उसका प्रतिद्वंद्वी कोई भी प्रस्ताव क्यों ना पेश करे। किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग की इन टिप्पणियों से फिर से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर कोरिया का निकट भविष्य में दक्षिण कोरिया या अमेरिका के साथ किसी भी प्रकार की कूटनीतिक बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है। उत्तर कोरिया इस समय रूस के साथ अपने बढ़ते सहयोग पर अधिक ध्यान दे रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि उत्तर कोरिया को लगता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के बाद भी वह रूस के साथ अपने संबंधों को पहले जैसा नहीं रख पाएगा, तो वह अपना रुख बदल सकता है। दक्षिण कोरिया के सरकारी मीडिया द्वारा जारी एक बयान में किम यो जोंग ने कहा, ‘‘हम एक बार फिर आधिकारिक रुख स्पष्ट करते हैं कि सियोल (दक्षिण कोरिया) में चाहे कोई भी नीति अपनाई जाए और कोई भी प्रस्ताव रखा जाए, हमें उसमें कोई रुचि नहीं है और न ही उनसे मिलने का कोई कारण है और न ही चर्चा करने के लिए कोई मुद्दा है।’’
किम यो जोंग इससे पहले भी कई बार बड़े बयान दे चुकी हैं। जोंग ने हाल ही में अपने देश को परमाणु हथियार मुक्त बनाने को लेकर अमेरिका और एशियाई सहयोगियों पर निशाना साधा था। किम यो जोंग ने इसे एक ‘सपना’ बताया था। जोंग ने कहा था कि परमाणु हथियारों का विस्तार और संरक्षण उत्तर कोरिया के संविधान में शामिल है। उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार मुक्त बनाने संबंधी कोई भी चर्चा शत्रुतापूर्ण कृत्य और देश की संप्रभुता को नकारने के समान है।
