एनआईटी रायपुर ने मनाया अपना 20वां स्थापना दिवस
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर ने सोमवार को अपना 20वां स्थापना दिवस मनाया। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के रूप में स्थापित इस प्रतिष्ठित संस्थान को 1 दिसंबर 2005 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ। संस्थान के 20वें स्थापना दिवस के मुख्य अतिथि गोदावरी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री बी. एल. थे। छत्तीसगढ़ टेलीकॉम सर्कल के सीजीएम श्री विजय कुमार छ्बलानी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल के निदेशक डॉ. के. के. शुक्ला इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि रहे। समारोह की अध्यक्षता एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने की। कार्यक्रम में सभी डीन, विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के साथ हुई और इसके बाद गणमान्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
एप्लाइड जिओलोजी विभाग के प्रोफेसर प्रभात दीवान ने एनआईटी रायपुर की पारदर्शिता, सुशासन और नवाचार प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अटल रैंकिंग, इनोवेशन सेंटर, सीड ग्रांट, प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं और एनईपी 2020 व विजन 2030 के कार्यान्वयन को रेखांकित किया। उन्होंने वर्तमान में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हुए संस्थान के भविष्य को आकार देने का सभी से आह्वान किया। इसके बाद एनआईटी रायपुर पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई जिसमें संस्थान की उपलब्धियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया।
डॉ. रमना राव ने अपने भाषण में संस्थान की यात्रा पर विचार करते हुए बौद्धिक विकास, प्रतिभा संवर्धन और रचनात्मकता पर जोर दिया। उन्होंने अत्याधुनिक सुविधाओं, अनुसंधान में उत्कृष्टता और संकाय, छात्रों व कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की। शैक्षणिक, शोध और उद्योग में संस्थान की प्रमुख भूमिका की पहचान करते हुए, उन्होंने सभी को बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और निरंतर सीखने के लिए प्रेरित किया, साथ ही पूर्व छात्रों के योगदान की सराहना की । के.के. शुक्ला ने संस्थान की उपलब्धियों के लिए सभी को बधाई दी । उन्होंने संस्थान के पूर्व छात्रों के समर्पण और प्रतिबद्धता को सराहा और रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों का उद्धरण दिया जो मानव प्रयास की शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने एनआईटी रायपुर के नेतृत्व और छात्रों की सराहना की, उन्होंने संस्थान के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।श्री विजय कुमार छ्बलानी जी ने अपने छात्र जीवन से सीखे गए महत्वपूर्ण मूल्यों को याद किया । उन्होंने अपने शिक्षकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दिया और आजीवन शिक्षा और कठिन मेहनत पर जोर दिया। मैन्युअल टेलीफोन से लेकर 4त्र और 5त्र तक के परिवर्तन को देख चुके छबलानी जी ने छात्रों को चुनौतियों को अपनाने, अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलने और निरंतर सुधार करने के लिए प्रेरित किया।