मुखबीरी के शक में नक्सलियों ने की 2 ग्रामीणों की हत्या, जारी किया पर्चा
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दंतेवाड़ा। सरहदी इलाके के बारसूर थाना क्षेत्र अंर्तगत भैरमगढ़ ब्लॉक के तोड़मा गांव में नक्सलियों ने 2 ग्रामीण युवकों की हत्या कर दी, इनमें एक शिक्षादूत भी शामिल है। नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने इस हत्या के वारदात की जिम्मेदारी लेते हुए एक पर्चा जारी किया है। जिसमें शिक्षक पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया गया है। पर्चे में लिखा गया है कि 4 अक्टूबर 2024 को तुलतुली-गावाड़ी के बीच में हुई मुठभेड़ में भी इनकी मुख्य भूमिका है। इन गलतियों को देखते हुए पीएलजीए ने मौत की सजा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने बुधवार देर रात नक्सली इस गांव के रहने वाले शिक्षादूत बामन कश्यप और ग्रामीण अनीश राम के घर पहुंचकर दोनों को घर से बाहर निकाला। फिर घर से कुछ ही दूरी पर स्थित जंगल की तरफ लेकर गए जहां गला घोंट कर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव गांव के नजदीक लाकर फेंक दिया है। नक्सलियों ने इन दोनों युवकों पर मुखबिरी करने का आरोप लगाकर बेरहमी से हत्या कर दी। इलाके में आज 20 फरवरी को द्वितिय चरण के त्रिस्तरिय पंचायत चुनाव से ठीक एक दिन पहले हुई वारदात से इलाके में दहशत व्याप्त है। इस वारदात की सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पंहुचकर कार्यवाही कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से अब तक नक्सलियों ने बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित सातों जिले में कुल 1800 निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं, इनमें सबसे अधिक बीजापुर जिले में हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है।
उल्लेखनिय है कि 4 अक्टूबर 2024 को माड़ क्षेत्र में नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर थुलथुली नेंदुर क्षेत्र में नारायणपुर डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम की नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों के बडे कैडर के 31 शव बरामद भी किए थे। पुलिस ने और भी नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया था। मुठभेड़ के 1 हफ्ते बाद नक्सलियों ने 35 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी थी और मारे गए नक्सलियों की सूची जारी की थी। पुलिस द्वारा मारे गए नक्सलियों में कुछ की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन नक्सलियों द्वारा जारी की गई मारे गए नक्सलियों की सूची और पुलिस द्वारा बनाई गई सूची में मिलान करने के बाद सभी नक्सलियों की पहचान हो गई और 38 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई। इन पर 2 करोड़ 62 लाख का इनाम घोषित था। वहीं मारे गए नक्सलियों पर 250 से ज्यादा अपराध भी दर्ज थे।
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