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नक्सलियों के एमएमसी के प्रवक्ता अनंत ने 1 जनवरी तक आत्मसमर्पण करने का जारी किया पर्चा

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जगदलपुर। नक्सलियों के मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी (एमएमसी) के प्रवक्ता अनंत ने पर्चा जारी कर कहा है कि 1 जनवरी को इस कमेटी के सभी साथी सैकड़ों नक्सली अब सरकार के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण करेंगे। जारी पर्चे में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ इन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री से कुछ दिनों तक नक्सल ऑपरेशन रोकने की अपील की है, हम साथियों से बातचीत कर रहे हैं। इसके साथ ही तीनों राज्यों के गृहमंत्री या मुख्यमंत्री के सामने हथियार डालने की बात भी नक्सलियों ने की है। दरअसल,अनंत ने पिछले हफ्तेभर में दूसरा पर्चा है। पहले पर्चे में 15 फरवरी तक हथियार डालने की बात कही गई थी। वहीं अब जारी किए गए पर्चे में 1 जनवरी तक हथियार डालने की बात कही है।
नक्सली प्रवक्ता अनंत के पर्चे में लिखा है कि हम अपने साथियों से बातचीत करने के लिए एक बाऊफेंग की एक खुली फ्रीक्वेंसी नंबर 435.715 जारी कर रहे हैं। जिसमें 1 जनवरी तक हर दिन सुबह 11 बजे से हम अपने साथियों से बात करेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि नक्सलियों ने अपनी खुली फ्रीक्वेंसी जारी की है। दरअसल, बाऊफेंग एक छोटा सा हाथ में पकड़ा जाने वाला वॉकी-टॉकी/हैंडहेल्ड रेडियो होता है। जंगल, पहाड़ या शहर की भीड़ में दो लोग बिना मोबाइल नेटवर्क के भी आपस में बात कर सकते हैं। बिना नेटवर्क के लंबी दूरी तक बातचीत कर सकते हैं। सिक्योरिटी गार्ड, इवेंट मैनेजमेंट, ट्रेकिंग टीमें, पुलिस-फोर्स, वाइल्डलाइफ कामों में सभी उपयोग कर सकते हैं। बाऊफेंग में विशेष फ्रीक्वेंसी सेट की जाती है। उसी फ्रीक्वेंसी पर दूसरी मशीन हो तो दोनों जुड़कर बात कर सकते हैं, मोबाइल टावर की जरूरत नहीं है। कुछ फ्रीक्वेंसी सार्वजनिक होती हैं, कुछ सरकारी और प्रतिबंधित। गलत फ्रीक्वेंसी इस्तेमाल करने पर दिक्कत आ सकती है।

नक्सलियों के एमएमसी के प्रवक्ता अनंत ने 1 जनवरी तक आत्मसमर्पण करने का जारी किया पर्चा
नक्सली प्रवक्ता अनंत ने अपने साथियों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया के दौरान वे अपनी तमाम गतिविधियों को विराम दें। जोश और आवेश में आकर ऐसी कोई हरकत न करें जिससे इसमें व्यवधान उत्पन्न हो जाए। अनंत ने प्रेस नोट में कहा कि मैं एक बार पुन: दोहरा रहा हूं कि, इस बार हम पीएलजीए सप्ताह नहीं मनाएंगे। नोट में आगे लिखा हम सरकार से भी यह चाहते हैं कि, इस हफ्ते सुरक्षाबलों के ऑपरेशन को रोकें। पर्चे में लिखा है कि जिस तरह छत्तीसगढ़ में सतीश और महाराष्ट्र में सोनू ने सरेंडर किया है, हम भी उसी तरह तीनों राज्यों के किसी मुख्यमंत्री या फिर गृहमंत्री के सामने हथियार डालेंगे।
इसके पहले प्रवक्ता अनंत ने 22 नवंबर को एक प्रेस नोट जारी किया था। जिसमें उसने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सशस्त्र संघर्ष को विराम देने पर विचार करने के लिए 15 फरवरी तक का समय मांगा था। इस बात का एक ऑडियो भी सामने आया था। करीब 8 मिनट के इस ऑडियो में अनंत ने मीडिया से बातचीत है। जिसमें अनंत ये कहते सुनाई दे रहा है- हमारी एमएमसी विशेष जोनल कमेटी भी हथियार छोड़कर सरकार के पुनर्वास और पुनर्मूल्यांकन योजना को स्वीकार करना चाहती है। हम तीनों राज्य सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वे हमें वक्त दें। अनंत ने आगे कहा- हमारी पार्टी जनवादी केंद्रीयता के उसूलों पर चलती है, इसलिए सामूहिक रूप से इस निर्णय को लेने में हमें कुछ वक्त लगेगा। साथियों से संपर्क करने और उक्त संदेश हमारी पद्धति के अनुरूप उन तक पहुंचाने में हमें वक्त चाहिए।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. से नक्सलियों के एमएमसी के प्रवक्ता अनंत के द्वारा लगातार जारी दो पर्चों के संबध में उन्होने कहा वह इलाका हमारे रेंज से बाहर का है, लेकिन हमने बार-बार शेष सभी माओवादी कैडर से समय रहते हिंसा छोड़ककर वापस मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होने कहा कि राज्य की ओर से छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री भी अपील कर रहे है, और स्पष्ट बता दिया है कि कोई समय वेस्ट करने की जरूरत नही, जितना जल्दी आ सकते हैं, तो उतना बेहतर होगा। अपने राज्य के तरफ से स्पष्ट संकेत दे दिया गया है, कि यह सबके लिए है। इसी का विश्वास करके काफी लोग मुख्यधारा में आ भी रहे हैं। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ माओवादी कैडर जो भी मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लेता है उन्हें सामाजिक पुनर्समावेशन के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता को लगातार सिद्ध किया है। हमें विश्वास है कि शेष माओवादी कैडर जिनमें पोलित ब्यूरो, डीकेएसजेडसी, डीव्हीसीएम, एसीएम तथा अन्य सभी श्रेणियों के कैडर भी बिना किसी विलंब के मुख्यधारा में शामिल होंगे।

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