
कांकेर। नक्सल प्रभावित कांकेर के चारगांव के पूर्व उपसरपंच सियाराम रामटेके 56 ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को लेकर सांसदों को पत्र लिखा है। उन्होंने नक्सलवाद के कारण हुई पीड़ा का जिक्र करते हुए सलवा जुडूम पर फैसला देने वाले जस्टिस को सांसदों से समर्थन नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जनता को मरने के लिए छोड़ने वाले को वोट न देने की अपील की है। यहाँ किसान होने की कीमत जान देकर या विकलांग बनकर चुकानी पड़ती है। नक्सलवाद के खिलाफ जब सलवा जुडूम आंदोलन चल रहा था। तब 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन लगाने का आदेश दिया था। इसके कारण सलवा जुडूम से जुड़े लोग अपने गांव लौट गए। नक्सलवाद फिर से पैर पसारने लगा और सलवा जुडूम में शामिल लोगों को निशाना बनाया जाने लगा। उपसरपंच ने सियाराम रामटेके ने बताया कि खेत में काम के दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उनके हाथ और पेट में गोली मारी थी। उन्हें मरा समझकर चले गए थे। नक्सलवाद का खात्मा पहले ही हो जाता अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता। उन्होंने सांसदों से विपक्ष के उप राष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को समर्थन नहीं देने की अपील की है।
