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नैरोगेज म्यूजियम नैनपुर: भारतीय रेलवे की समृद्ध धरोहर का प्रतीक

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रायपुर/ बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर मंडल में स्थित नैरोगेज म्यूजियम नैनपुर, जो भारतीय रेलवे की समृद्ध विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, 2017 में अपनी उदघाटन के बाद से ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है । यह संग्रहालय देश की सबसे लंबी नैरोगेज रेल प्रणाली, सतपुड़ा रेलवे के इतिहास को सहेजने और नई पीढ़ी को इसकी महत्ता से परिचित कराने का कार्य कर रहा है ।
नैरोगेज रेल प्रणाली का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है । सतपुड़ा रेलवे, जिसे नैरोगेज प्रणाली का एक अभिन्न अंग माना जाता है, कभी 1000 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली हुई थी । इस प्रणाली की तीन प्रमुख रेल लाइनें थीं, जिनमें 1. जबलपुर-गोंदिया वाया नैनपुर 2. नागपुर से छिंदवाड़ा तक तथा 3. गोंदिया से चांदा फोर्ट शामिल है ।
इस नैरोगेज रेल लाइन का निर्माण 1902 में प्रारंभ हुआ और इसका पहला चरण 1903 में गोंदिया से नैनपुर तक पूरा हुआ । बाद में इसे 1905 में जबलपुर तक बढ़ाया गया । यह रेल प्रणाली सतपुड़ा एक्सप्रेस जैसी ऐतिहासिक गाड़ियों के संचालन के लिए प्रसिद्ध रही, जिसमें एसी डिब्बे लगाए जाते थे । इसके अलावा, नैरोगेज लाइब्रेरी वैन, नेरोगेज एंबुलेंस और मोबाइल सेवाओं का भी संचालन किया जाता था ।
नेरोगेज म्यूजियम नैनपुर में इस ऐतिहासिक रेल प्रणाली से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण अवशेषों को संरक्षित किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से पुराने रेल इंजन, रोलिंग स्टॉक, रेलवे कर्मियों द्वारा उपयोग किए गए उपकरण, सतपुड़ा रेल प्रणाली से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें और दस्तावेज, नैरोगेज ट्रेनों की मॉडल प्रतिकृतियाँ और सतपुड़ा रेलवे के ऐतिहासिक विकास को दर्शाने वाली जानकारी प्रदर्शनी शामिल हैं ।
नैरो गेज म्यूजियम, नैनपुर में कई रोचक प्रदर्शनी हैं । यहाँ शानदार आर्च प्रवेश द्वार, 1954 में बना ज़ेडई क्लास स्टीम लोकोमोटिव, दो मंजिला इमारत में नैरो गेज रेलवे से जुड़ी विभिन्न मॉडल्स और ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित हैं । ग्राउंड फ्लोर पर नैरो गेज इंजन, नैरोगेज स्टेशन मॉडल, स्टीम लोकोमोटिव के वर्किंग मॉडल, हेरिटेज डॉक्यूमेंट्स, मशीन गैलरी और एक ऑडिटोरियम है । प्रथम तल पर डीज़लीकरण, वर्कशॉप मॉडल, ऐतिहासिक चित्र और मोबाइल लाइब्रेरी वैन प्रदर्शित हैं ।
बाहरी क्षेत्र में सुंदर बाग, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, हेरिटेज रोलिंग स्टॉक्स, 530 मीटर लंबी नैरो गेज टूरिस्ट ट्रेन, एसी रेस्टोरेंट कार, व्हील लेथ मशीन और रेलवे स्टाफ के मैनीक्विन्स हैं । दो हेरिटेज बंगले हैं, जहाँ नैरो गेज रेलवे का इतिहास, ट्रेनें, सिग्नल एवं दूरसंचार सिस्टम, डीजल लोको, कोचिंग, और इंजीनियरिंग संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं । यह म्यूजियम पुराने नैरो गेज सिस्टम की यादें ताजा कराता है ।
यह संग्रहालय न केवल रेलवे इतिहास प्रेमियों के लिए, बल्कि शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए भी ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री तरुण प्रकाश ने इस संग्रहालय के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “नेरोगेज म्यूजियम नैनपुर रेलवे की विरासत को संरक्षित रखने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है । यह संग्रहालय पुराने नैरोगेज रेल सिस्टम के गौरव को जीवंत रखने के साथ-साथ नई पीढ़ी को इसकी ऐतिहासिक महत्ता से जोड़ने का कार्य कर रहा है ।” उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे, अपनी विरासत को संरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है, और यह संग्रहालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
सतपुड़ा रेल प्रणाली के बंद होने के बावजूद, इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संजोकर रखना रेलवे की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है । नैरोगेज म्यूजियम नैनपुर इस गौरवशाली इतिहास को सहेजने और भविष्य की पीढ़ियों को इससे जोड़ने का कार्य कर रहा है । इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल बीते समय की यादों को जीवंत रखना है, बल्कि भारतीय रेलवे के ऐतिहासिक योगदान को भी उजागर करना है ।
रेलवे प्रेमियों, इतिहासकारों और स्थानीय नागरिकों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अपील है कि वे इस अनूठे संग्रहालय का भ्रमण करें और भारतीय रेलवे की इस अमूल्य धरोहर से रूबरू हों ।

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