ChhattisgarhRegion

नड्डा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रदर्शन की समीक्षा की

Share


रायपुर-नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा वितरण की स्थिति की समीक्षा करना और प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन को गति देना था। बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ करने, रोगी संतुष्टि बढ़ाने, नियामकीय निगरानी को मजबूत करने तथा क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त करने पर विशेष जोर दिया गया, जिसमें औषधि विनियमन, निदान सेवाएं, रोग प्रबंधन और क्षमता निर्माण शामिल हैं। श्री नड्डा ने दोहराया कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को आवश्यक तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग प्रदान करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है, ताकि विशेष रूप से कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मजबूत औषधि विनियमन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निर्माण से लेकर वितरण तक पूरी आपूर्ति श्रृंखला की सतत निगरानी आवश्यक है, जिससे गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि रोगी संतुष्टि में सुधार, नियामकीय पर्यवेक्षण और अनुपालन को निरंतर मिशन के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
नि:शुल्क औषधि एवं नि:शुल्क निदान योजनाओं के संदर्भ में श्री नड्डा ने दोनों राज्यों को आपूर्ति-श्रृंखला प्रणालियों को सुदृढ़ करने और निगरानी में मौजूद कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जानकारी दी कि औषधि एवं निदान की खरीद में लॉजिस्टिक्स, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए मंत्रालय भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के साथ कार्य कर रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण निदान सेवाएं और समय पर जांच प्रभावी स्वास्थ्य सेवा की आधारशिला हैं और इन्हें प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर पर मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां डॉक्टर नैदानिक देखभाल के केंद्र में हैं, वहीं अस्पताल प्रशासन और नियामकीय अनुपालन के लिए समर्पित पेशेवर प्रबंधन आवश्यक है। रक्त बैंकों, अस्पताल प्रणालियों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के विनियमन पर विशेष जोर दिया गया।
प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों पर बल देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि टेलीमेडिसिन दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों, विशेषकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का प्रभावी माध्यम है। उन्होंने दोनों राज्यों से टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म को नियमित सेवा वितरण में और अधिक एकीकृत करने का आग्रह किया। टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को दोहराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जिला-विशिष्ट हस्तक्षेपों, व्यापक जांच, बेहतर निदान, उपचार अनुपालन और पोषण समर्थन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन को मिशन मोड में अपनाया जाना चाहिए, जिसमें जिला एवं ब्लॉक स्तर पर सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।
श्री नड्डा ने विधायकों (रूरु्रह्य) के लिए संवेदनशीलता कार्यशालाओं का भी प्रस्ताव रखा और उन्हें ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (क्चरूह्र) एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (ष्टरूह्र) के साथ नियमित समीक्षा के माध्यम से सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, जवाबदेही सुनिश्चित करने और सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जन विश्वास बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पीपीपी मॉडल, चिकित्सा शिक्षा के विस्तार, वायबिलिटी गैप फंडिंग और अवसंरचना समर्थन तंत्र के माध्यम से दोनों राज्यों को केंद्र सरकार के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया, ताकि सुलभ, किफायती और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण किया जा सके।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने आश्वस्त किया कि दोनों राज्य सरकारें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और बेहतर परिणाम सुनिश्चित करेंगी।
श्री नड्डा ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों को मिशन मोड में आगे बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ भी शीघ्र ही इसी प्रकार की परामर्शात्मक बैठकें आयोजित की जाएंगी।
बैठक का समापन औषधि विनियमन को सुदृढ़ करने, निदान सेवाओं में सुधार, अस्पताल प्रशासन के पेशेवरकरण, चिकित्सा शिक्षा क्षमता के विस्तार और टीबी मुक्त भारत की दिशा में प्रगति को तेज करने के साझा संकल्प के साथ हुआ, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहकारी संघवाद की भावना को और मजबूती मिली। छत्तीसगढ़ प्रतिनिधिमंडल में श्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री; श्री अमित कटारिया, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा; श्री रणबीर शर्मा, प्रबंध निदेशक, एनएचएम; श्री रितेश अग्रवाल, आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा; सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button