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छत्तीसगढ़ -तेलंगाना सीमा पर 4 दिनों से जारी नक्सल अभियान में 40 से अधिक जवान डिहाइड्रेशन का हुए शिकार

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बीजापुर । छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अब तक के सबसे बड़ा अभियान आज शुक्रवार काे चाैथे दिन भी जारी है। मिली जानकारी के अनुसार अभियान के दाैरान जवान पिछले चार दिनों से भीषण गर्मी से 40 से अधिक जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं । पीड़ित जवानों को सेना के हेलीकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती किया गया है, जंहां उनका उपचार जारी है । विदित हाे कि 3 हजार फीट ऊंचा पहाड़, 44 डिग्री तापमान, और लो ऑक्सीजन लेवल, यह करेंगट्टा के पहाड़ की स्थिति है। इस इलाके में पिछले 4 दिनों से नक्सलियों के खिलाफ 5 से 8 हजार जवानों का संयुक्त नक्सल विराेधी अभियान चल रहे हैं। इस अभियान में अब तक तीन वर्दीधारी महिला नक्सली ढेर कर शव बरामद किया गया है, एक जवान के भी घायल होने की खबर है। वहीं बड़ी संख्या में नक्सलियाें के मारे जाने की भी खबर है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. इस सबसे बड़े नक्सल विराेधी अभियान को नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई बता रहे हैं।
गाैरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर शीर्ष नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा संयुक्त नक्सल विराेधी अभियान शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि यह इस साल की अब तक सबसे बड़ी मुठभेड़ होने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 70 वर्ग किमी की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं । कहा जा रहा है कि नक्सलियाें के पास पहाड़ पर बने रहने के लिए सीमित राशन है, और सुरक्षाबलाें के पास लगातार हेलीकॉप्टर से रसद पहुंचाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि सुरक्षाबल यहां निर्णायक लड़ाई की तैयारी के साथ डटी हुई है । जिस इलाके को घेरा गया है, वहां नक्सलियों के टॉप कमांडर माड़वी हिड़मा और तेलंगाना स्टेट कमेटी का सेक्रेटरी दामोदर मौजूद हैं। दोनों पर एक करोड़ रुपए या ज्यादा का इनाम है। यहां नक्सलियों की बटालियन नंबर एक है, जिनके पास एलएमजी, एके-47, एसएलआर, इंसास, हैंड ग्रेनेड, बीजीएल लॉन्चर जैसे हथियार बड़ी मात्रा में है। सुरक्षाबल पहाड़ियों के नीचे ही अपना बेस कैंप बनाकर 1 महीने तक रह गई, तो निश्चित है, नक्सली भागने के लिए अपना रास्ता बनाने फोर्स पर हमला करेंगे, या भूख से मारे जाएंगे या हथियार डालकर आत्मसमर्पण करना पडेगा ।
करेंगट्टा की पहाड़ी से नीचे नदी और पथरीले रास्तों को पारकर जवान पहाड़ी तक पहुंच रहे हैं। उस इलाके में जिस तरह से सुरक्षाबलाें काे भेजा जा रहा है, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह विशेष नक्स्ल विराेधी अभियान 15 दिनों तक भी चल सकता है। पहली चुनौती पहाड़ के चारों तरफ नक्सलियों द्वारा लगाये गये कई सीरियल आईईडी से बचते हुए, बम को खोजते हुए जवान आगे बढ़ रहे हैं । लगभग 44 डिग्री तापमान के बीच हथियार और राशन के साथ खड़े पहाड़ की चढ़ाई करना आसान नहीं । इस अभियान को छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना के मुलुगु जिले के वेंकटपुरम से संचालित किया जा रहा है। वहीं यहां से लगभग 30 से 35 किमी दूर स्थित चेरला गांव को लॉन्च पैड बनाया गया है। यहां तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जवानों और रसद सामान को मौके के लिए भेजा जा रहा है । बैकअप के लिए बीजापुर में भी सेना का 2 हेलीकॉप्टर रखा गया है। सूत्र बता रहे हैं कि पहाड़ में नक्सली फंस तो जरूर गए हैं, लेकिन वे भी पूरी तैयारी के साथ बैठे हैं ।

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