अंजोर विजन डाक्यूमेंट 2047 के प्रावधान लक्ष्यों पर विधायक चंद्राकर ने खड़े किए कई सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी के प्रस्तुत छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डाक्यूमेंट 2047 की चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने इसके प्रावधान लक्ष्यों व पिछले दो आर्थिक सर्वेक्षणों के हवाले पर कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि सभी काल्पनिक प्रयत्न नजर आते हैं जिसमें गरीबी उन्मूलन, ला एंड आर्डर, समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण को स्पष्ट नहीं किया गया है। विश्व में 3-3 वर्ष से युद्ध के हालत हैं दुनिया में मंदी चल रही है और ग्रोथ की बात की जा रही है।
सूफी कवि रूमी की पंक्ति एक बूंद में महासागर का उल्लेख करते हुए अजय ने पूछा एक बूंद में हम कहां पर हैं। डॉ. कलाम ने कहा था कि सपने ऐसे देखो जो सोने न दे। ऐसे में हम बुनियाद कैसे डाल रहे हैं। 23-24 और 24-25 के आर्थिक सर्वेक्षणों को देखें तो सिंचाई में 3 प्रतिशत की कमी है। अरबों खर्च के बाद यह कैसे घटी, जांच करवानी चाहिए। सिंचाई को लेकर हमारे पास कोई पालिसी नहीं है दंतेवाड़ा बस्तर में सिंचाई की क्या व्यवस्था है। अंजोर विजन में कहा गया कि कृषि में 16 प्रतिशत का योगदान है और 1.64 लाख हेक्टेयर रकबा घटा है। 19 में से 16 फसलों का रकबा कम हुआ हैं। एग्रीकल्चर एलायड सेक्टर मछली उत्पादन, दूध उत्पादन, बीज उत्पादन, नस्ल उत्पादन में हम राष्ट्रीय औसत से भी कम हैं। चंद्राकर ने कहा आज तक तय नहीं हो पाया कि रोजगार की परिभाषा क्या है। ब्यूरोकेसी में गुड गवर्नेस की जरूरत है।
मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं, केवल वस्तु स्थिति बता रहा हूं। आप ने देश दुनिया की तो बात की, भारत में कई उत्पाद को प्रतिबंधित कर दिया पर हमारे पास कोई योजना नहीं। अजय ने कहा कि में निराशावादी नहीं हूं बस जरूरत यह है यह संकल्प निर्धारित समय में शुरू हो।







