मंत्री राजवाड़े ने बच्चों को पारिवारिक वातावरण देने समाज से किया आह्वान

रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी रायपुर स्थित होटल मेरियट कोटयार्ड में उमंग—पोषण देखरेख कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने हेतु राज्य स्तरीय पोषक परिवार सम्मेलन एवं कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पोषण देखरेख व्यवस्था को अधिक प्रभावी, संवेदनशील और व्यापक बनाना था, ताकि संस्थागत देखरेख में रह रहे बच्चों को सुरक्षित, स्नेहपूर्ण और पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
कार्यक्रम का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि गरीबी, बीमारी, पारिवारिक संकट अथवा सामाजिक चुनौतियों के कारण कई बच्चे संस्थागत देखरेख में रह रहे हैं, जबकि किसी भी बालक का संपूर्ण विकास परिवार और समाज के बीच ही संभव है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विभाग ने महिलाओं एवं बच्चों के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 तथा यथा संशोधित नियम 2021 के अनुरूप राज्य में गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने हेतु उमंग कार्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अपने संदेश में कहा कि फॉस्टर केयर ऐसा मॉडल है जो संस्था के बाहर बच्चों को पारिवारिक वातावरण प्रदान करता है। इससे बच्चे भावनात्मक, सामाजिक और मानसिक रूप से विकसित होते हैं तथा समाज की मुख्यधारा से जुड़ पाते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिकों से मिशन वात्सल्य के तहत अधिक से अधिक बच्चों को पारिवारिक माहौल देने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर बच्चे का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
राज्य में वर्तमान में 11 जिलों के 51 बच्चे पोषण देखरेख योजना के अंतर्गत स्वीकृत हैं, जिनमें 30 बालक और 21 बालिकाएँ शामिल हैं। इन बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके लिए 90 से अधिक पोषक परिवार राज्य में पंजीकृत हैं। वर्ष 2024-25 में यूनिसेफ, सीईएसी और विभागीय सहयोग से रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कोंडागांव जिलों में कार्यक्रम को और सुदृढ़ किया गया है, तथा आगामी वर्ष 2025-26 में इसे अन्य जिलों में विस्तार देने की तैयारी की जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि दो वर्ष तक संस्थागत देखरेख में रह चुके बच्चों को पोषक परिवार में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। उमंग कार्यक्रम पर आधारित शिक्षात्मक फिल्म आईएम होम का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसे कर्ली स्ट्रीट मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित किया जा रहा है। इस फिल्म का उद्देश्य समाज में फोस्टर केयर के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।
कार्यक्रम में पोषक परिवारों, स्वयंसेवी संगठनों, जिला अधिकारियों एवं बाल संरक्षण विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। यह राज्य स्तरीय सम्मेलन गैर संस्थागत देखरेख प्रणाली को मजबूत करने और जरूरतमंद बच्चों के जीवन में नई आशा, सुरक्षा और अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।







