Crime

मदरसे में बच्‍ची के यौन शोषण मामले में मौलवी को 12 साल की जेल

Share

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर की अदालत ने मदरसे में बच्ची का यौन शोषण करने वाले मौलवी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मौलवी ने इस वारदात को छह साल पहले साल 2018 में तब अंजाम दिया था, जब पीड़िता चार साल थी।

अदालत ने मदरसे के शिक्षक अब्दुल वाहिद (42) साल, को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 6 गंभीर यौन उत्पीडऩ के तहत दोषी करार दिया है। अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ने यह अपराध उस समय किया जब लडक़ी को उर्दू सीखने के लिए मदरसे में उसके पास भेजा गया था। अपने घृणित, नीच और जघन्य कृत्य के लिए वह किसी सहानुभूति का हकदार नहीं है।

14 अक्टूबर को दिए अपने फैसले में अदालत ने बच्ची की गवाही पर गौर किया, जिसके अनुसार 19 अक्टूबर 2018 को शिक्षक ने उसे चूमते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में अपनी उंगली डाली थी। अदालत ने कहा, इस प्रकार दोषी को दी गई सजा घृणित कृत्य की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए ताकि यह समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के लिए एक प्रभावी निवारक के रूप में काम कर सके।

इसके बाद अदालत ने उसे 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने पीड़िता की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद उसे 10:5 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया, भावनात्मक क्षति/आघात, मानसिक और शारीरिक आघात आदि, विवाह की संभावनाओं का नुकसान और प्रतिष्ठा की हानि का सामना करना पड़ा।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button