Chhattisgarh

तेलंगाना में माओवादी नेता बंडी प्रकाश ने किया सरेंडर

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जगदलपुर। माओवादी संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है, जब तेलंगाना में संगठन के कुख्यात लीडर बंडी प्रकाश ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। बंडी प्रकाश पिछले 45 वर्षों से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय थे और संगठन के कई महत्वपूर्ण मामलों में उनकी भूमिका रही है। उन्होंने तेलंगाना डीजीपी के सामने सरेंडर किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और प्रशासनिक दबाव के बावजूद बंडी प्रकाश लंबे समय तक संगठन की रणनीति और संचालन में गहराई से शामिल रहे। वे तेलंगाना स्टेट कमेटी और स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य थे और संगठन में प्रभात, अशोक और क्रांति के नामों से भी सक्रिय रहे। उनकी खतरनाक गतिविधियों को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने उन पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा, बंडी प्रकाश सिंगरेनी कोलबेल्ट कमेटी में सचिव के पद पर भी सक्रिय रहे, जहां उन्होंने संगठन के संचालन और योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पोलित ब्यूरो सदस्य वेणुगोपाल उर्फ सोनू दादा के आत्मसमर्पण के बाद सिंगरेनी कमेटी ने भी हथियार डालने का ऐलान किया था, और बंडी प्रकाश के आत्मसमर्पण ने इस प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। उनकी गिरफ्तारी और सरेंडर माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा blow साबित हो सकता है, क्योंकि इससे संगठन की कार्यकुशलता और गहन नेटवर्क में भारी कमी आने की संभावना है। सुरक्षा बलों के लिए यह सफलता न केवल माओवादी प्रभाव को कमजोर करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे भविष्य में संगठन के अन्य सदस्यों पर भी दबाव बनेगा। बंडी प्रकाश का आत्मसमर्पण माओवादी संगठन के इतिहास में एक अहम मोड़ है और यह संकेत देता है कि लंबे समय तक सक्रिय रहने वाले नेता भी अब हथियार डालने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे न केवल संगठन की कमान कमजोर होगी, बल्कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा और शांति की स्थिति में सुधार की उम्मीद बढ़ गई है।

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