शासकीय स्कूलों से भी बत्तर हैं जिले के कई निजी स्कूल, सुविधा का अता पता नहीं, ले रहे केवल मोटी रकम फीस
कवर्धा। अपने बच्चों को बडे से बडे स्कूलों में पढाने और अच्छी शिक्षा देने की होड में पालक शासकीय स्कूलों को छोडकर निजी स्कूलों की ओर भाग रहे हैुं, लेकिन कुछ निजी स्कूल केवल मोटी रकम ले रहे हैं लेकिन न तो बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहे हैं और न ही सुविध।
कबीरधाम जिले में निजी स्कूलों की बाढ सी आ गई हैं, बिना सुविधा, भवन, प्रशिक्षित शिक्षक के बीना ही स्कूल खोल दिए गए है। यहां तक कि शासकीय स्कूलों से भी बत्तर कई निजी स्कूल हैं, जहां पालकों को रंग बीरंगे पाॅॅम्पलेट दिखा कर एडमिशन लिया जा रहा है, लेकिन हकिकत में ऐसे नहीं है। कई निजी स्कूलों में पढाई तो दूर खेलने तक के लिए सुविधा नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी कैसे निजी स्कूलों को मान्यता देते है। समझ से परे है।
निजी स्कूल चलाने मापदंड दरकिनार फिर भी मान्यता
निजी स्कूल खोलने क्रम से मापदंड बनाया गया है, इस मापदंड पुरा करने वाले स्कूलों को ही मान्यता दी जाती है, लेकिन कबीरधाम जिले में ऐसा नहीं है ऐसे कई निजी स्कूल है जो शासन द्वारा निर्धारित मापदंड को पुरा नहीं करते हैं। इसके बाद भी स्कूलों को मान्यता दी गई है। इसके कारण निजी स्कूल मनमानी करते नजर आते है और मान्यता लेकर बच्चों को बिना सुविधा के ही पढाई कराई जा रही है।
200 के करीब निजी स्कुल
जिले में 200 से अधिक निजी स्कूल संचालित है। जिसमें प्राथमिक शाला से लेकर हाई स्कुल तक है लेकिन अधिकत्तर स्कूलों में सुविधा ही नहीं है। जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सके। जबकि निजी स्कूलों में पालक अच्छी शिक्षा व अच्छी विकास के लिए ही अपने बच्चों का एडमिशन करते है। शहर के ही कई स्कूल में 10 फीट की जगह नहीं है। जहां बच्चे खेल सके। कई स्कूल तो किराए के भवन में चल रहे हैं स्कूल संचालक के पास स्वयं का भवन भी नहीं है।
झुठा प्रचार प्रसार
मजे की बात है कि कई निजी स्कूल अपने स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा एडमिशन हो सके और पालकों को लुभाने झुठा प्रचार प्रसार तक करते है। इसमें शहर के स्कूल संचालक आगे है। बडे बडे पोस्टर व बैनर लगाकर कई सुविधा देने का दावा करती हैं लेकिन स्कूलों में ऐसे सुविधा नहीं होती है। इस प्रकार अपने स्कूलों को झुठा प्रचार कर पैसा कमाने व अधिक से अधिक एडमिशन लेने की प्रयास किया जाता है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं देते है।
वर्सन
निजी स्कूलों को मान्यता देने के बाद भी समय समय पर निरीक्षण किया जाता हैं और व्यवस्था सुधारी जाती है। अब नए स्कूल खोलने आवेदन हैं जिसका जांच कर मान्यता दिया जाएगा।
योगदास साहू, जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम