Chhattisgarh
मणिपुर में शहीद हुए बस्तर के जवान रंजीत सिंह कश्यप को नम आंखों से विदाई

जगदलपुर.रंजीत सिंह कश्यप, एक वीर सपूत, मणिपुर में उग्रवादी हमले में शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर उनके गृहग्राम गांव बालेंगा पहुंचा, जहां पूरे गांव ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया। इस दौरान गांव की गलियां “शहीद रंजीत अमर रहे” के नारों से गूंज उठीं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी।
शहीद के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- परिवार: रंजीत अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी पत्नी और तीन बेटियां हैं, जिनमें से सबसे छोटी बेटी सिर्फ चार महीने की है।
- सेवा: रंजीत 2016 में असम राइफल्स में शामिल हुए थे और मणिपुर में तैनात थे।
- व्यक्तित्व: गांव वालों के मुताबिक, रंजीत बचपन से ही मिलनसार और मददगार थे। उनमें देश सेवा का जज्बा हमेशा से था।
- अंतिम वादा: पिछले महीने ही रंजीत घर आए थे और पत्नी से वादा किया था कि अगली बार लंबी छुट्टी में आएंगे और बेटी का नामकरण करेंगे, लेकिन वो तिरंगे में लिपटकर लौटे।
श्रद्धांजलि और सम्मान:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शहीद को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्य सरकार ने शहीद के परिवार को हर संभव मदद और सहारा देने का आश्वासन दिया है।
