Chhattisgarh
मां चंद्रहासिनी मंदिर, चंद्रपुर: प्राचीन शक्तिपीठ

छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के चंद्रपुर में स्थित मां चंद्रहासिनी मंदिर एक प्राचीन और सिद्ध शक्तिपीठ है, जो महानदी के किनारे पहाड़ी पर विराजमान है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ की पौराणिक कथाएँ और प्राकृतिक सुंदरता भी श्रद्धालुओं का मन मोह लेती हैं।
मंदिर की विशेषताएं:
- प्राचीन मंदिर: यह मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक स्वरूप मां चंद्रहासिनी के रूप में विराजित है।
- पौराणिक कथाएं: मान्यता है कि माता सती का बायां कपोल इसी पहाड़ी पर गिरा था, जिसे आज बाराही मां चंद्रहासिनी मंदिर के रूप में पूजा जाता है।
- प्राकृतिक सुंदरता: मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक मनमोहक सुंदरता से घिरा हुआ है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
- विशाल मूर्ति: मंदिर परिसर में लगभग 100 फीट ऊँची महादेव-पार्वती की मूर्ति है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
मंदिर की मान्यताएं:
- संतानदायिनी: मां चंद्रहासिनी को संतानदायिनी माना जाता है, जो अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है।
- सिक्का चिपकाने की परंपरा: मंदिर के पीछे भक्त सिक्का चिपकाते हैं, जिसकी मान्यता है कि जिसकी मनोकामना पूरी होती है, उसका सिक्का दीवार पर चिपक जाता है।
- नवरात्रि उत्सव: नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, और 108 दीपों के साथ महाआरती होती है, जो भक्तों के लिए अलौकिक अनुभव होता है।
