कोरबा में कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में: नशे में धुत युवक ने की सरेआम पिटाई, पुलिस पर उठे सवाल

यह घटना न केवल एक मारपीट की isolated घटना है, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर बढ़ती असुरक्षा और पुलिस प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बनकर सामने आई है। खरमोरा अटल आवास जैसे रिहायशी क्षेत्रों में नशेड़ियों का खुलेआम घूमना, शराब पीकर उत्पात मचाना और राह चलते लोगों को धमकाना अब आम बात हो गई है। इससे वहां रहने वाले परिवारों, खासकर महिलाओं और बच्चों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने पहले भी ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस से की, लेकिन हर बार कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को टाल दिया गया। नशे में धुत युवक द्वारा दो युवकों की सरेआम बेल्ट से पिटाई और आसपास के लोगों का मूकदर्शक बन जाना, यह दर्शाता है कि अब लोगों को भी कानून व्यवस्था से उम्मीद नहीं रह गई है और भय का माहौल इतना है कि कोई भी हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं करता। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता के चलते उपद्रवियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। कोरबा जैसे शहर में, जहां विकास की बातें होती हैं, वहां अगर आम नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करने लगें, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके और आम जनता का कानून व्यवस्था पर भरोसा दोबारा बहाल हो सके।
