ChhattisgarhCrime

RAIPUR : भूमाफिया ने खबर नहीं छापने के लिए पत्रकार की बेटी के अपरहण और बलात्कार की दी धमकी

Share

रायपुर : विशुद्ध पत्रकारिता के मापदंड को पूरा करने के प्रयास में रायपुर का पत्रकार जगत हमेशा तत्पर रहता है। इसी तारतम्य में समाचार संकलन के दौरान राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार पंकज विश्वकर्मा को उनकी बेटी के अपरहण और बलात्कार सहित परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है। राजधानी के पुलिस प्रशासन को इस घटनाक्रम से अवगत कराया गया है देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस प्रशासन इस पर कब कार्यवाही करता हैं।

दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य के गठन और राजधानी रायपुर के निर्माण के साथ ही भूमाफियाओं के द्वारा शासकीय और निजी भूमि पर कब्जा, शासकीय दस्तावेजों में कूट रचना, अवैध प्लाटिंग सहित जमीनों से संबंधित अपराध बड़ी तेजी से बढ़ गये है।

इन्हीं भूमाफियाओं में से एक हर्षित विहार, कोटा निवासी अखिलेश खटोड़ ने अपनी एक खबर को रोकने के लिए पहले पैसों का आफर दिया मना करने पर व्हाट्स अप पर काल कर हमारे समाचार संपादक पंकज विश्वकर्मा की बेटी के अपरहण और बलात्कार सहित परिवार को जान से मारने की धमकी दी।

जबकि यह भूमाफिया पूरे शहर में वसूली और गुंडागर्दी के लिए मशहूर है। इसी भूमाफिया ने हाल ही में राजधानी रायपुर के रसूखदार और बड़े बिल्डर के ऊपर 55 लाख के मकान के बदले 1.50 करोड़ की वसूली और उगाही का दबाव बनाया है। बिल्डर की कालोनी में कागजों की कमी को दिखा कर पूरे शासन-प्रशासन सहित प्रधानमंत्री कार्यालय तक पत्राचार कर बिल्डर पर दबाव बनाया गया और पूरे 1.50 करोड़ रुपए वसूली के लिए बकायदा लिखा-पढ़ी तक की गई। इस भूमाफिया ने पहले भी रायपुर नगर निगम और नगर निवेश विभाग की आंखों में धूल झोंक और कागजों में कूट रचना कर कई कॉलोनियों का लेआउट पास कराया गया साथ ही अवैध प्लाटिंग को शासकीय नियमानुसार वैध कराने का खेल खेला है। इसके अलावा भी कई किसानों की जमीनों के खसरों में हेर-फेर और गुंडागर्दी के बल पर कम दाम में जमीनों को खरीद कर ऊंचे दामों पर बेचा गया है।

वर्तमान समय में एक पत्रकार के लिए पत्रकारिता के मापदंड के साथ समाचार संकलन एक दुरूह कार्य होते जा रहा है। यदि समाचार संकलन के दौरान किसी भी विषय में साक्ष्यों के साथ यदि किसी भी व्यक्ति, संस्थान या संगठन के विरुद्ध कोई समाचार प्रकाशित और प्रसारित किया जाता है जिससे व्यक्ति, संस्थान या संगठन के निजी और आर्थिक लाभ को हानि हो तो वो हिसंक व्यवहार में उतारु हो जाते है। उस समय व्यक्ति, संस्थान या संगठन साम, दाम, दंड, भेद किसी भी विकल्प को अपना कर अपने लाभ की क्षति को रोकना या विधि विरुद्ध किये गये कार्यों पर पर्दा डालना चाहता है। फिर चाहे इसके लिए पत्रकार या उसके परिजनों की हत्या ही क्यों ना करना पड़ जाये।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button