बुनियादी सुविधाओं का अभाव, स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी”

गरियाबंद जिले के गठन को 14 साल हो जाने के बावजूद जिले का मुख्यालय आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कलेक्टर और अन्य अधिकारी सरकारी आवास के अभाव में किराए के मकानों में रह रहे हैं, जबकि 5 नवंबर तक राज्य स्थापना दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। इस स्थिति में जनता के मन में उत्सव की गंभीरता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
जिला अस्पताल की स्थिति और भी चिंताजनक है। 14 वर्षों में अस्पताल का अपना भवन नहीं बन सका और वर्तमान में इसे सीएचसी भवन में जोड़-तोड़ कर संचालित किया जा रहा है। अस्पताल में आईसीयू, सोनोग्राफी की सुविधा, गायनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का अभाव है। पुराने भवन में फायर सेफ्टी मानकों की अनदेखी की जा रही है, और गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर करना पड़ता है। नए अस्पताल भवन का निर्माण ठेकेदार की धीमी गति और मनमानी के कारण वर्षों से अधूरा पड़ा है, जिससे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
अगर आप चाहें तो मैं इसे एक बड़ा, संपादकीय शैली का पैराग्राफ बनाकर पूरी खबर की गंभीरता और जनता की चिंता को और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकता हूँ।





