Chhattisgarh

अद्भुत है कवर्धा के अधिकारी, टीन वाले छत में संचालित स्कूल को मान्यता, जबकि न बैठने की व्यवस्था न कोई सुविधा

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कवर्धा। आप हमेशा सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग से लेकर व्यवस्था को लेकर शिकायत होते रहती है, सरकारी स्कूल का प्लास्टर गिर गया जर्जर स्कूल में पढ़ाई हो रही है, ऐसी खबरें हमेशा आती है, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कबीरधाम के कई निजी स्कूल ही जर्जर है।

कवर्धा के अधिकारी भी गजब है, शहर मुख्यालय में वर्षों से संचालित एक स्कूल टीन शेड में संचालित हो रहा है। आखिर इस स्कूल को कैसे मान्यता मिली इस पर सवाल खड़ा होता है साथ ही जिस अधिकारी ने मान्यता देने स्कूलों का निरीक्षण किये वे किस हिसाब से रिपोर्ट तैयार किये यह भी जांच का विषय है। निजी स्कूल का संचालन के लिए कम से कम पक्का भवन होना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां संचालित स्कूल में तो पक्की छत तक नहीं है।

लिटिल फ्लावर स्कूल में बिना सुविधा के दसवीं तक मान्यता
शहर के मझगाँव रोड स्थित लिटिल फ्लावर इंग्लिश मीडिया स्कूल का संचालन हो रहा है, मजे की बात है कि यह स्कूल का संचालन कच्ची बिल्डिंग में संचालित हो रही है। टीन के छप्पर में है। बारिश और गर्मी में अधिक परेशानी होती है। जबकि इस स्कूल में 70 बच्चे है और दसवीं तक मान्यता दे दिया गया है। जबकि यहाँ किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं है, इसके बाद भी मान्यता दे दिया गया ओर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

सत्र प्रारंभ अब तक निरीक्षण नही
निजी स्कूलों में समय पर केवल स्कूलों में चलने वाले बसों का फिटनेश जांच किया जाता है, लेकिन स्कूल में सुविधाओं को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी व तहसील के अधिकारी निरीक्षण करने कोई ध्यान नहीं देते है, जबकि स्कूलों के खुलने के पहले निरीक्षण किया जाना चाहिए। निजी स्कूल संचालक बच्चों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दे पा रहे है जबकि नियमों में कई प्रकार से बच्चों को सुविधा देना होता है साथ ही सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देना होता है पर कई निजी स्कूल संचालक मनमानी कर रहे है इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे है।

वर्सन…
स्कूलों के निरीक्षण के लिए टीम बनाई जा रही है। स्कूलों की जांच की जिम्मेदारी एसडीएम ऑफिस की होती है उनके जांच के बाद मान्यता दी जाती है।
योगदास साहू, जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम

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