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जिन्दल न्यूक्लियर का ऐतिहासिक कदम-2047 तक 18 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का संकल्प

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रायपुर। भारत की अग्रणी हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) उत्पादन कंपनियों में से एक जिन्दल न्यूक्लियर पावर प्राइवेट लिमिटेड (जिन्दल न्यूक्लियर)ने वर्ष 2047 तक देश की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 18 गीगावाट-बिजलीका योगदान करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे ले जाने और कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में यह ऐतिहासिक घोषणा करने वाली जिन्दल न्यूक्लियर, नवीन जिन्दल समूह का एक अंग और जिन्दल रिन्युएबल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अपने आम बजट में परमाणु ऊर्जा प्रोत्साहन योजना की घोषणा करते हुए 2047 तक 100 गीगावाट-बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, उसी के अनुरूप जिन्दल रिन्यूएबल ने इसमें 18 गीगावाट-बिजली उत्पादन क्षमता का योगदान करने का संकल्प लिया है। इस योजना का उद्देश्य कार्बन, विशेष रूप से कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन (एमिशन)घटाने के साथ-साथ औद्योगीकरण को प्रोत्साहित कर देश के सतत आर्थिक विकास में योगदान करना है।
जिन्दल न्यूक्लियर इस योजना के तहत बीओटी प्रणाली के अनुसारअत्याधुनिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करउसका संचालनकरेगी और उन्नत तकनीकों का उपयोग कर विश्वस्तरीय सुरक्षा, संचालन दक्षता और बेहतर पर्यावरणव्यवस्था सुनिश्चित करने में अपना योगदान करेगी।
जिन्दल न्यूक्लियर निजी क्षेत्र की पहली कंपनी है, जिसने भारत को न्यूनतम कार्बन अर्थव्यवस्था (लो कार्बन इकोनॉमी) में बदलने की दिशा में रुचि दिखाई है ताकि विश्वसनीय रूप से 24 घंटे कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके।
इस संबंध में जिन्दल न्यूक्लियर के वरिष्ठ सलाहकार और पूर्व एनपीसीआईएल अध्यक्ष श्री एस.के. शर्मा ने कहा है कि “भारत सरकार की 2047 तक 100 गीगावाटपरमाणु ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना प्रेरणादायक और दूरदर्शी है।जिन्दल न्यूक्लियर इसे लेकर बेहद आशावादी है।हम मानते हैं कि सरकार के इस सपने को साकार करने में निजी क्षेत्र को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हमारी 18 गीगावाट परमाणु ऊर्जा विकास योजना, भारत की कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था निर्माण के संकल्प के प्रति हमारी कटिबद्धता को दर्शाती है।”
18 गीगावाट क्षमता हासिल करने का यह परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अगले दो दशकों में विकसित किया जाएगा, जिसमें भारत स्मॉल रिएक्टर्स, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स, और जेन-4 रिएक्टर्सको शामिल करने की योजना है। जिन्दल न्यूक्लियर का लक्ष्य विश्व के अग्रणी तकनीकी कंपनियों का सहयोग प्राप्त करना है, ताकि नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा मिले और विश्वस्तरीय सुरक्षा मानकों व परिचालन उत्कृष्टता को बनाए रखा जा सके।
यह ऐतिहासिक पहल निर्माण, संचालन और सहायक क्षेत्रों में रोजगार के हजारों अवसर पैदा करेगी, जिससे ऊर्जा आवश्यकता पूरी होने के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इसके अलावा जिन्दल न्यूक्लियर अपने परियोजना स्थलों के आसपासशिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्थानीय बुनियादी ढांचेमें निवेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध है, जिससे समावेशी विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित हो सके।
जिन्दल न्यूक्लियर की यह घोषणा कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने और देश के औद्योगिक विकास के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।

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