Madhya Pradesh

जी राम जी बिल सड़क से संसद तक कांग्रेस का आंदोलन

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संसद से जी राम जी बिल पास होने के बाद देश की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद बिल पारित होते ही इसका विरोध सड़क और शहरों में नजर आने लगा है। इंदौर में कांग्रेस ने मनरेगा योजना का नाम बदले जाने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने झांझ-मंजीरे बजाकर सरकार के फैसले का विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस का आरोप है कि बिल के जरिए मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाया गया और उसकी जगह भगवान राम का नाम जोड़ना सिर्फ नाम बदलने का मामला नहीं, बल्कि यह गांव, गरीब और मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला है। नेताओं ने बिल को गरीब-विरोधी बताते हुए इसे गांधी की सोच को मिटाने की कोशिश करार दिया।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि गांधी ने गांव, गरीब और मजदूर को अधिकार दिए, लेकिन सरकार सिर्फ नाम और प्रतीक बदलकर असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े ने आरोप लगाया कि भाजपा ने किसानों को धोखा दिया है, चाहे वह खाद, बिजली, मुआवजा या भावांतर योजना हो। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीना बोसी ने बताया कि मनरेगा में बदलाव मजदूरों की रोजी-रोटी पर सीधे असर डालेंगे, क्योंकि अब मजदूरों को पहले जैसी 100 प्रतिशत गारंटी नहीं मिलेगी।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर मनरेगा को कमजोर करने और गांधी के नाम को हटाने की कोशिशें जारी रहीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इंदौर से यह प्रदर्शन साफ संकेत है कि जी राम जी बिल को लेकर सियासी टकराव अब सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगा

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