कांग्रेस हार की समीक्षा कर रही है या समीक्षा का नाटक: पुरंदर मिश्रा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस की समीक्षा बैठक को लेकर कटाक्ष करते हुए यह सवाल दागा है कि क्या कांग्रेस नेता केवल समीक्षा के नाम पर खानापूर्ति ही करते रहेंगे? विधानसभा के बाद हाल ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के लिए आखिर कब तक जिम्मेदारी तय की जाएगी? मिश्रा ने कहा कि समीक्षा बैठक में भी कांग्रेस की आपसी जूतम-पैजार के नजारे देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस के लोग अपनी हार से सबक लेने के लिए अब भी तैयार नहीं है और कांग्रेस को रसातल का रास्ता दिखाने पर आमादा हैं।
भाजपा विधायक मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में हार का हार पहनने के लिए जब कोई तैयार नहीं है और कांग्रेस नेतृत्व भी इस मसले पर गोलमोल बातें करके जिम्मेदारी तय करने से बच रहा है, तब इस तरह की समीक्षा बैठकें सिर्फ जुबानी जमाखर्च ही साबित होंगी। कांग्रेस की हालत तो यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के परिप्रेक्ष्य में बजाय शर्मनाक पराजय के कारणों की समीक्षा करने के कांग्रेस के लोग आपसी जूतमपैजार में लग गए हैं और अपनी चमड़ी बचाने के लिए एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस का संगठनात्मक ढाँचा इस बुरी तरह चरमरा गया है कि वहाँ अब कोई किसी सुनने को तैयार ही नहीं है। आत्म-चिंतन के नाम पर कांग्रेस के लोग अब एक-दूसरे पर आरोप लगाने का ही काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भी यही नजारा कांग्रेस में नजर आता रहा और हालत यह थी कि पराजय से सबक लेकर संगठनात्मक ढाँचे और अपने सिकुड़ते जनाधार को दुरुस्त करने पर कांग्रेस का कोई ध्यान नहीं रहा और पूरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ऊहापोह, आपसी अंतर्कलह और बिखराव की शिकार रही और नतीजा सबके सामने है।
भाजपा विधायक मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, कवासी लखमा और पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि भूपेश बघेल चुनाव लड़े वहां कार्यकर्ताओं ने मंच से कहा कि वह बाहरी हैं। दरअसल कांग्रेस में जो सत्ता से लेकर संगठन तक भ्रष्टाचार व्याप्त है, वहीं कांग्रेस की अंतर्कलह का बड़ा कारण है। सत्ता में रहकर कांग्रेसी केवल छत्तीसगढ़ को लूटते रहे और इसके कारण आज अंतर्कलह सामने दिखाई दे रही है। मिश्रा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कांग्रेस की हार के लिए किसी एक नेता को जिम्मेदार नहीं मान रहे हैं, पर वे यह बताने से गुरेज कर रहे हैं कि अगर कोई एक नेता जिम्मेदार नहीं है तो जो-जो नेता जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही कब तक तय की जा रही है? चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मामलों में पहले भी नाराजगी सामने आई थी। हार के बाद अब वरिष्ठ नेताओं ने कई लोकसभा में बाहर से प्रत्याशी उतारे जाने और स्थानीय लोगों को दरकिनार करने का मुद्दा बना लिया है।
भाजपा विधायक मिश्रा ने कहा कि अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की सुगबुगाहट इस बात का साफ संकेत है कि हार का ठीकरा फोड़ने के लिए मत्था तलाशा जा रहा है। प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस हाईकमान को चुनाव के समय कांग्रेस पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर संगठन में अनियमितता सहित कई मामलों से अवगत कराया था। लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कामकाज पर भी उंगली उठ रही है। लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन की ओर से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अपने ही प्रत्याशियों पर टिप्पणी किए जाने पर पार्टी से निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की गई थी। मिश्रा ने कहा कि खुद बघेल राजनांदगांव में चुनाव हार गए, उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिव डहरिया को शिव बताकर शिव और राम के बीच लड़ाई की बात कही, उसका क्या नतीजा सामने आया? आखिर बघेल समेत कांग्रेस के नेता मीडिया का सामना क्यों नहीं कर रहे और क्यों नहीं बता रहे कि बघेल, लखमा, डहरिया, देवेंद्र यादव क्यों हारे और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार क्यों हुई? मिश्रा ने यह दो टूक सवाल भी किया है कि बघेल समेत कांग्रेस के नेता कब तक ‘एक्स’ में ही पोस्ट करेंगे? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की यह जो प्रचंड हार हुई है, उसका आखिर जिम्मेदार कौन है, कांग्रेस के बड़े नेता पहले इस सवाल का जवाब दें।