आदिवासी विभाग के चार फर्मों के कार्यों में 80 लाख की गड़बड़ी, एफआईआर दर्ज
कोरबा। आदिवासी विकास विभाग कोरबा में वर्ष 2021-22 में छात्रावासों एवं आश्रमों में कराए गए निर्माण कार्यों में गड़बड़ियां पाई गई। इस मामले में जांच समिति ने 80 लाख रुपये के निर्माण कार्यों को अधूरा पाया है। इसमें 4 फर्मों पर कार्य अधूरा छोड़ने के आरोप हैं। उनमे मेसर्स श्री साई ट्रेडर्स, पालीवाल बुक डिपो, श्री बालाजी मंदिर रोड, आईटीआई रामपुर, कोरबा, मेसर्स श्री साई कृपा बिल्डर्स, मंगल भवन, बाजार चौक, छुरी, जिला कोरबा, मेसर्स एस.एस.ए. कंस्ट्रक्शन, मेन रोड चैतमा, साजाबहरी, जिला कोरबा और मेसर्स बालाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर, वार्ड नं. 06, जायसवाल हाउस, राजीव नगर, कटघोरा आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा द्वारा कराए गए इन कार्यों से संबंधित निविदा अभिलेख, कार्य आदेश, प्राक्कलन, माप पुस्तिका, देयक व्हाउचर और मूल अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं मिले। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस में एफआईआर कराई गई है।
इन ठेकेदारों के द्वारा कुल कार्यों में से 48 लाख रुपये के कार्य प्रारंभ ही नहीं किया गया है। अन्य कार्यों का स्थल निरीक्षण करने पर अनुबंध राशि से कम का कार्य कराया गया है। इस मामले में तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती माया वारियर, तत्कालीन सहायक अभियंता अजीत कुमार तिग्गा, तत्कालीन उप अभियंता लोक निर्माण विभाग राकेश वर्मा एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर कुश कुमार देवांगन को वित्तीय अनियमितताओं में दोषी मानते हुए विभागीय जांच कार्रवाई की अनुशंसा की है।
