राज्यभर में इनफ्लिबनेट सेवाओं के एकीकृत क्रियान्वयन की शुरुआत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के डिजिटलीकरण को नए युग में ले जाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने इनफ्लिबनेट (सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क) सेवाओं के राज्यव्यापी विस्तार की प्रक्रिया को गति दे दी है। यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत स्थापित इसका अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र देशभर में लाइब्रेरी ऑटोमेशन, डिजिटल संसाधन, प्लेगरिज़्म डिटेक्शन, शोध प्रबंधन, ई-कंटेंट और अकादमिक प्रोफाइलिंग जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ लगभग नि:शुल्क उपलब्ध कराता है। इन सेवाओं के लागू होने से छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में शिक्षण, अधिगम और शोध कार्यों को अत्याधुनिक डिजिटल आधार मिलेगा। क्लाउड-आधारित मॉडल के कारण विश्वविद्यालयों का आईटी खर्च भी कम होगा। यह पहल राज्य में उच्च शिक्षा के डिजिटल रूपांतरण की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रयासों में से एक मानी जा रही है।
पीआरएसयू में आयोजित हुई ओएनओएस नोडल अधिकारियों की कार्यशाला
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के सभागार में आज राज्य के सभी 9 शासकीय विश्वविद्यालयों के ओएनओएस (एक राष्ट्र एक सदस्यता) नोडल अधिकारियों की तकनीकी कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में इनफ्लिबनेट की विभिन्न सेवाओं, डिजिटल शोध उपकरणों, लाइब्रेरी ऑटोमेशन, एकीकृत डैशबोर्ड, चरणबद्ध प्रशिक्षण मॉडल एवं हेल्पडेस्क की कार्यप्रणाली पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षित नोडल अधिकारी आगे महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को इन सेवाओं के प्रभावी उपयोग के लिए मार्गदर्शन देंगे।
कार्यशाला के बाद हुआ राज्य का पहला त्रिपक्षीय एमओयू बनेगा डिजिटल शिक्षा का इतिहास
कार्यशाला उपरांत उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई), इनफ्लिबनेट और छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया। यह एमओयू राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को एकीकृत डिजिटल ढांचे से जोडऩे का आधार बनेगा। इस महत्वपूर्ण समारोह में सचिव उच्च शिक्षा विभाग डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि इनफ्लिबनेट सेवाओं का राज्यव्यापी एकीकरण छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त और भविष्य-सिद्ध बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। यह पहल छात्रों और शिक्षकों को देशभर के शीर्ष डिजिटल संसाधनों तक समान पहुंच प्रदान करेगी। इससे शोध का स्तर बढ़ेगा, पारदर्शिता आएगी और विश्वविद्यालय एक समन्वित डिजिटल फ्रेमवर्क में काम कर सकेंगे। त्रिपक्षीय एमओयू छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों को एकीकृत डिजिटल इकोसिस्टम से जोडऩे की बड़ी शुरुआत है।
इनफ्लिबनेट की सेवा से चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण, इम्प्लीमेंटेशन और मॉनिटरिंग किया जा सकेगा
इनफ्लिबनेट की सेवाएँ लाइब्रेरी, शोध और अकादमिक प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार लाएँगी। आने वाले महीनों में हम सभी संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण, इम्प्लीमेंटेशन और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करेंगे, ताकि इसका अधिकतम लाभ छात्रों और शिक्षकों तक पहुँचे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष कुमार देवांगन, डायरेक्टर इन्फ्लिबनेट प्रोफेसर देविका पी. मडाली, राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री शैलेन्द्र पटेल तथा विभिन्न महाविद्यालयों के प्रोफेसर और छात्र उपस्थित थे।
छात्रों-शिक्षकों को मिलेगा व्यापक लाभ
इनफ्लिबनेट की प्रमुख सेवाएँ छत्तीसगढ़ के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को व्यापक रूप से लाभान्वित करेंगी। इनमें सोल सॉफ्टवेयर से लाइब्रेरी ऑटोमेशन, शोधगंगा के माध्यम से थीसिस और शोध कार्य का डिजिटलीकरण, शोधशुद्धि द्वारा प्लेगरिज़्म जांच, शोधचक्र से शोध गतिविधियों का कुल प्रबंधन, आईआईआरआईएनएस के माध्यम से शिक्षकों और शोधकर्ताओं की डिजिटल अकादमिक प्रोफाइलिंग, रिसोर्स शेयरिंग से संसाधनों के दोहराव में कमी एवं सहयोग में वृद्धि और लगातार क्षमता निर्माण कार्यक्रम और प्रशिक्षण शामिल हैं। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के डिजिटल शिक्षा एवं शोध सुदृढ़ीकरण के उद्देश्यों के साथ पूर्णत: सामंजस्य रखती है। छत्तीसगढ़ में इनफ्लिबनेट सेवाओं का यह एकीकृत क्रियान्वयन उच्च शिक्षा में डिजिटल क्रांति का नया अध्याय लिखने जा रहा है।







