श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर में बच्चों ने नवरात्रि व महावीर जन्मकल्याणक तक मोबाईल में रील न देखने का संकल्प लिया

रायपुर। खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी की पावन प्रेरणा से श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर में विमल विंग्स की श्राविकाओं ने सौ से ज्यादा बच्चों को इस संडे जिनपुजन विधि व शान्ति कलश की विधि सिखाई। श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि इस भौतिक युग में बच्चों का बहुतायत समय मोबाईल में रील देखने में व्यतीत होता है , बच्चों को ज्ञानवर्धक रील की समझ जरुरी है , विमल विंग्स की सदस्यों ने बच्चों को सही गलत की समझाइश दी और सैकड़ों बच्चों ने आज नवरात्र के आरम्भ से महावीर जन्मकल्याणक तक मोबाईल में रील न देखने का संकल्प लिय।
महेन्द्र कोचर ने बताया कि जीवन को धर्म के मार्ग पर मोडऩा जरूरी है इसी उद्देश्य से गुरुदेव की प्रेरणा से प्रति संडे बच्चों को स्नात्र पूजा , चंदन पूजा व पूजा विधि के सुत्रों का अध्ययन के साथ ही जीवन निर्माण के गुणों से अवगत कराया जाता है। ट्रस्टी नीलेश गोलछा व योगेश बंगानी ने बताया कि आज सौ से ज्यादा बच्चों को भगवान महावीर स्वामी तीर्थंकर परमात्मा के जन्मकल्याणक निमित्ते स्नात्र महोत्सव और शान्ति कलश विधान की जानकारी देकर स्नात्र महोत्सव पूर्ण कराया गया। जिनप्रतिमा के 9 अंगों के पूजन की विधि की जानकारी देकर नवांगी पूजा कराई गई , जैन धर्म में ही भगवान की प्रतिमा में भक्तों द्वारा सीधे पूजन का विधान है। बच्चों को पुरस्कृत किया गया । पुरस्कार के लाभार्थी वर्तिका वर्धमान वैभव चोपड़ा परिवार हैं । भावे भावना भावीए , भावे दीजे दान , भावे जिनवर पूजिए , भावे केवल ज्ञान के पवित्र आत्म कल्याणकारी श्लोकों के साथ जब एक साथ सभी बच्चों ने भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा के सामने सामूहिक स्वर में पाठ किया तो मंदिर में अलौकिक दृश्य उपस्थित हो गया। जन्मकल्याणक जीवन निर्माण शिविर में विमल विंग्स की ममता सुराना, आयुषी, ममता तातेड़, आकांक्षा, अंकिता, ममता सांखला, श्वेता व खुशबू जैन ने भाग लिया।
