कांकेर में क्रिसमस से पहले चर्च लीडर ने अपनाया सनातन धर्म, कहा विवाद सुनियोजित था

कांकेर। क्रिसमस से पहले चर्च लीडर महेंद्र बघेल ने घर वापसी करते हुए कांकेर स्थित शीतला मंदिर में पहुंचकर सनातन धर्म को अपनाया है।इतना ही नहीं चर्च लीडर महेंद्र बघेल ने ईसाई समुदाय पर गंभीर आरोप भी लगाते हुए कहा कि कांकेर जिले के आमाबेड़ा से लगे गांव बड़े तेवड़ा में शव दफनाने को लेकर जो विवाद हुआ, वह सुनियोजित था।
जब चर्च लीडर महेंद्र बघेल से यह सवाल पूछा गया कि, धर्म परिवर्तन कैसे करते हैं तो उन्होंने बताया कि, जैसे किसी की तबियत खराब है, तो उसे बुलाते हैं, और उसके लिए प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना के बाद बहुत लोगों मन में यह भय रहता है कि, भूत- प्रेत दुबारा मत आ जाए। ऐसे में हम कहते हैं कि, दुबारा फिर तुम्हें यह समस्या होगी। ऐसे में लोग फिर धर्मांतरित होकर इसी धर्म का अनुसरण करने लगते हैं। दो- तीन साल से मैं भी इसी से जुड़ा हुआ था। मेरा वीडियो वायरल होने के बाद 20-25 परिवार मेरे संपर्क में हैं, उसमें से कुछ लोग वापस आना चाह रहे हैं। कांकेर जिले के आमाबेड़ा से लगे गांव बड़े तेवड़ा गांव में हुई हिंसा पर उन्होने कहा कि यह घटना सुनियोजित थी। उन्होंने कहा कि सरपंच ने जबरदस्ती शव को दफनाया । उन्होंने कहा कि गांव का सरपंच रजुमन सलाम, वीरेंद्र पटेल, विकेश सर्पे और वहां का पास्टर है। उनकी योजना थी कि, यदि गांव के लोग लाश उखाडऩे आते हैं तो उन्हें रोका जाय और नहीं मानते हैं तो उन्हें लाठी-डंडो से पीटा जाय। इसके साथ ही उन्होंने अन्य जिले से लोगों को बुलाकर इसकी योजना बनाई थी।







